जिलों में गड़बड़ी, अध्यापक संवर्ग के पदों पर मई 2016 के के पश्चात की तिथि से पदोन्नति पर रोक

186

जिलों में गड़बड़ी, अध्यापक संवर्ग के पदों पर मई 2016 के के पश्चात की तिथि से पदोन्नति पर रोक

भोपाल: प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारी 12 मई 2016 के बाद भी अध्यापक संवर्ग में शिक्षकों को पदोन्नति दे रहे है जबकि इस तिथि से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पदोन्नति पर फिलहाल रोक है। संचालक लोक शिक्षण ने इस तरह पूर्व की तिथियों से दी गई पदोन्नतियों को शून्य घोषित करते हुए इस तिथि के बाद पदोन्नति नहीं देने के निर्देश दिए है। इस नियम का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है इसमें लापरवाही होने पर इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी पूर्णत: उत्तरदायी होंगे और उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

संचालक लोक शिक्षण के पास यह जानकारी आई है कि अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों को कुछ जिलोंं में 12 मई 2016 के बाद की तिथियों से पदोन्नति दी जा रही है। उन्होंने प्रदेशभर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए ऐसा नहीं करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि नवीन भर्ती नियम 2018 में अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों को एक जुलाई 2018 से नवीन संवर्ग में सुसंगत पदों पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। यह नियम एक जुलाई 2018 से प्रभावशील है। इसलिए एक जुलाई 2018 की स्थिति में अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों से पात्रतानुसार नवीन संवर्ग में सुसंगत पद पर नियुक्त किया जाना है।

उन्होंने निर्देशों में कहा है कि 12 मई से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पदोन्नति पर स्टेट्स को है। इसलिए 12 मई 2016 के बाद कोई भी पदोन्नति आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। यह जानकारी होने के बाद भी कतिपय जिलों में अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों की पदोन्नति 12 मई 2016 के बाद की तिथि से प्रदान की गई है जो पूर्णत: नियम विरुद्ध है।

उन्होंने कहा है कि 12 मई 2016 के पूर्व आयोजित पदोन्नति समिति की बैठक में यदि किसी अध्यापक संवर्ग के लोक सेवक का नाम छूट गया हो तथा उसे 12 मई 2016 के पूर्व की तिथि में नियमानुसार पदोन्नति की पात्रता आती है तो ऐसे लोक सेवक की पदोन्नति किसी न्यायालयीन निर्णय के अनुक्रम में करना जरुरी हो तो भी पदोन्नति करने से पूर्व संचालनालय से मार्गदर्शन प्राप्त करना जरुरी होगा।

अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों की मई 2016 के बाद की तिथि से की गई पदोन्नति किसी भी स्थिति में मान्य नहीं होगी। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश उन्होंने दिए है।लापरवाही सामने आने पर संबधित जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।