Divorce More in Love Marriages : सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ‘प्रेम विवाह’ में ही तलाक ज्यादा!’
New Delhi : जस्टिस बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट में एक वैवाहिक विवाद की सुनवाई करते हुए कहा कि तलाक के ज्यादातर मामले लव मैरिज में सामने आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक दंपत्ति के बीच के विवाद के मामले की सुनवाई करते हुए प्रेम विवाह और तलाक को लेकर बड़ी टिप्पणी की।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल की दो सदस्यीय बेंच एक वैवाहिक विवाद से जुड़ी याचिका के ट्रांसफर पिटिशन पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान मामले के एक पक्ष के वकील ने अदालत को सूचित किया कि दंपति ने प्रेम विवाह किया था। इस पर जस्टिस गवई ने जवाब देते हुए कहा ‘ज्यादातर तलाक लव मैरिज में ही हो रहे हैं!’
रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने फिर इस मामले में मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा, लेकिन महिला के पति ने इसका विरोध किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि हाल के एक फैसले के मद्देनजर वह उसकी सहमति के बिना भी तलाक दे सकती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस दपंति को एक बार फिर से मध्यस्थता की सलाह दी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा था कि शादी का जारी रहना असंभव होने की स्थिति में वह अनुच्छेद 142 के तहत अपनी तरफ से तलाक का आदेश दे सकता है। इसके लिए फैमिली कोर्ट जाने और संबंध विच्छेद के लिए निर्धारित 6 महीने की अवधि तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है।