DM Orders Magistrial Enquiry: वन विभाग की प्रताड़ना से आदिवासी द्वारा कथित आत्महत्या: प्रशासन ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

जयस ने धारा 306 के तहत प्रकरण दर्ज करने, मृतक के पुत्र को नौकरी और 50 लाख की आर्थिक सहायता की मांग की

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DM Orders Magistrial Enquiry: वन विभाग की प्रताड़ना से आदिवासी द्वारा कथित आत्महत्या: प्रशासन ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

 

खरगोन से आशुतोष पुरोहित की खास रिपोर्ट

आदिवासी द्वारा कथित तौर पर वन विभाग की प्रताड़ना से आत्महत्या के मामले की मजिस्ट्रियल जांच, जयस ने धारा 306 के तहत प्रकरण दर्ज करने, मृतक के पुत्र को नौकरी 50 लाख की आर्थिक सहायता की मांग

खरगोन: मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद अनुविभाग के नवलपुरा में एक आदिवासी द्वारा कथित तौर पर वन विभाग की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर लिए जाने के बाद हुए प्रदर्शन के चलते प्रशासन ने उसकी मृत्यु की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।

 

कसरावद के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अग्रिम कुमार ने बताया कि जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने 45 वर्षीय आदिवासी ध्यान सिंह द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने की घटना की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि उक्त जांच वे 15 दिन में पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, उसके आधार पर आगामी कार्यवाही तय की जाएगी।

 

उन्होंने बताया कि ध्यान सिंह द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने के उपरांत ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन किया गया तथा उन्होंने वन विभाग पर उसे प्रताड़ित कर प्रधानमंत्री आवास योजना द्वारा स्वीकृत घर का प्रारंभिक निर्माण तोड़ने का आरोप लगाया। उसे वन विभाग द्वारा अतिक्रमण को लेकर नोटिस भी दिया गया था ,जिसके जबाब देने का आज अंतिम दिन था।

 

उन्होंने बताया कि घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मार्ग पर चक्का जाम करने की कोशिश की किंतु जिला कलेक्टर के निर्देश पर मौके पर पहुंचे खरगोन के एसडीएम ओम नारायण सिंह बड़कुल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री द्वारा समझाइश दी गई। इस दौरान रास्ते से निकल रही एक एंबुलेंस को भी रास्ता दिया गया।

 

ग्रामीणों तथा ध्यान सिंह के परिजनों ने रास्ते में चक्का जाम कर आरोप लगाया कि उसे पीएमएवाई द्वारा स्वीकृत आवास के निर्माण को वन विभाग द्वारा तोड़ दिया गया था तथा उसकी तथा उसके परिजनों की पिटाई भी की गई थी। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विरुद्ध आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किए जाने संबंधी धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करने की भी मांग की।

 

 

इधर मृतक के पुत्र राजू ध्यानसिह ने आरोप लगाया की 5 साल से मकान बनाकर रह रहे थे। बिना नोटिस के हमारा मकान तोड दिया। वन विभाग के लोग हमेशा परेशान करते थे। पापा मम्मी के साथ मारपीट करते थे। पापा ने वन विभाग के परेशान करने पर आत्महत्या कर ली। इधर पूरे मामले में आदिवासियों का संगठन जयस भी मैदान में आ गया है। जयस नेता दयाराम कुरकु ने 6 सूत्रीय मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौपा है। जयस का आरोप है की वन अधिकार कानून में आदिवासियों को मिले अधिकार का वन विभाग उल्लंघन कर रहा है। मकान तोडने और आदिवासी को बार बार परेशान करने वाली वन विभाग की टीम पर धारा 306 के तहत प्रकरण दर्ज हो। प्रशासन मकान बनाकर दे और मृतक के पुत्र को शासकीय नौकरी और 50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाये। पूरे क्षेत्र में 5 वी अनुसूची कानून लागू हो।

 

खरगोन के एसडीएम ओम नारायण सिंह बड़कुल ने बताया कि जिला कलेक्टर ने रेडक्रास की तरफ से मृतक के परिजन को ₹25000 की सहायता के अलावा अन्य वैधानिक शासकीय आर्थिक सहायता देने के निर्देश भी दिए हैं।

उन्होंने बताया कि आज रात्रि समझाइश के उपरांत प्रदर्शनकारी तथा परिजन मृतक का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हो गए हैं। उसके शव को शासकीय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

उधर गोपालपुरा के पंचायत सचिव मुन्ना लाल सिसोदिया ने बताया कि ध्यान सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रथम किश्त की राशि प्रदान कर दी गई थी और उसकी मदद से उसने कुछ निर्माण कर भी लिया था। लेकिन बाद में उक्त जमीन वन भूमि में आने के चलते वन विभाग ने निर्माण तोड़ कर उसे नोटिस प्रदान किया था।

खरगोन के वन मंडलाधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि ध्यान सिंह ने स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना के स्थान की जगह वन विभाग की कूप क्रमांक 1061 की जमीन पर अतिक्रमण कर उक्त निर्माण किया था । उसे एक महीने पूर्व हटाया गया था लेकिन बार-बार विवाद की स्थिति बन रही थी, इसलिए उसका पक्ष जानने के लिए ध्यान सिंह को नोटिस दिया गया था। उन्होंने बताया कि उसके द्वारा की गई आत्महत्या के लिए पुलिस आवश्यक जांच कर रही है।

खरगोन के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि ध्यान ने वन विभाग की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की है, इस मामले की बहुआयामी जांच की जा रही है।