
DM, SP On The Road : शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था से जनता को राहत दिलाने कलेक्टर, एसपी उतरे सड़कों पर!
क्या अधिकारियों के एक बार के दौरे से बदहाल यातायात व्यवस्था सुचारू हो सकती हैं????
रमेश सोनी की खास खबर!
Ratlam : शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था से जनता को राहत दिलाने मंगलवार सुबह-सुबह कलेक्टर मिशा सिंह और एसपी अमित कुमार ने शहर का दौरा किया साथ में निगम आयुक्त अनिल भाना सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे बता दें कि कलेक्टर मिशा सिंह और एसपी अमित कुमार सुबह करीब 8:30 बजे शहर के सैलाना बस स्टैंड स्थित महाराणा प्रताप चौराहा पर पहुंचे थे यहां यातायात डीएसपी आनंद सोनी और निगम आयुक्त अनिल भाना ने चौराहे की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए चौड़ीकरण किए जाने संबंधित बातों पर विचार-विमर्श किया।
कलेक्टर मिशा सिंह ने यातायात डीएसपी और निगम आयुक्त को सुधार के लिए इंतजाम की डिजाइन तैयार करने का कहा। चौराहे पर फलों की खड़ी गाड़ीयां देखकर कहा कि स्थाई हल निकालने की बात कही। सड़क से पीछे चुने की लाइन डालकर बेरीकैट्स का इंतजाम करने के निर्देश दिए इसके बाद भी नहीं मानने वालो पर कार्रवाई की जाए। चौराहे से अस्थाई कब्जे भी हटाने को कहा।
यातायात में बाधा बन रहे चैंबर की समस्या का स्थाई रूप से ठीक करने, ब्रिज से पावर हाउस रोड की और जाने वाले वाहनों के लिए रास्ता ठीक करने, चौराहे पर गलत तरीके से वाहनों के खड़े करने और उन्हें सख्ती से हटाए साथ ही ऑटो और मैजिक स्टैंड की व्यवस्था को भी सुव्यवस्थित, यातायात सिग्नल बंद होने, महाराणा प्रताप चेचक ब्रिज पर डिवाइडर बनाने जैसी बातें सामने आई। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने मीडिया से चर्चा की और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने का आश्वासन दिया।

ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या एक बार इन आला-अधिकारियों के शहर का दौरा करने से शहरवासियों को निजात मिल सकेगी? नहीं.. शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था का आलम सिर्फ इन 2 चौराहों पर ही नहीं समूचे शहर में हैं। जाम और अनियंत्रित यातायात की वजह से कम से कम 15 मिनट से आधे घंटे तक एक स्थान या चौराहे पर जाम लग जाया करता हैं, जिसमें यातायात व्यवस्था और अमले की कमी मुख्य वजह साबित होती हैं, एकांगी मार्ग का होना यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता हैं। जाम लगने की बात पर जब अधिकारियों से बात की जाती हैं तो यातायात कर्मियों के अभाव की बात कही जाती हैं।
ऐसे में इस समस्या को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता हैं जब भी कभी यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से करने के लिए मुहिम चलाई जाती हैं तो मुहिम कुछ चौराहों पर चलने के बाद टाय-टाय फिस्स हो जाती हैं। इसके बाद शहर के गली-मोहल्लों-चौराहों पर चर्चा चल पड़ती हैं कि धन्ना सेठों और वजूद रखने वाले लोगों के प्रभाव की वजह से क्षेत्र में प्रशासन कार्रवाई को विराम दे देता हैं और छोटे लोगों पर कार्रवाई हो जाती हैं। इससे पहले तत्कालीन कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने शहर की सब्जी मंडियों को सख्ती से अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करवाया था और उनके तबादले के पश्चात हालात ज्यों के त्यों हो गए। यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों पर लगने वाली सब्जी मंडी और हाथठेला पर व्यवसाय करने वालों को स्थाई रूप से स्थान दिए जाने पर समस्या का निदान हर हाल में संभव है!
देखिए वीडियो: क्या कह रही हैं, कलेक्टर-





