Do not Leave Children Unattended : प्रशासन की अपील, बच्चों को नहीं पाल सकते तो अनाथाश्रम पहुंचा दें!

दूसरी बेटी होने पर पिता ने 18 दिन की अबोध को फेंका तो प्रशासन ने गुजारिश की!

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Do not Leave Children Unattended : प्रशासन की अपील, बच्चों को नहीं पाल सकते तो अनाथाश्रम पहुंचा दें!

Indore : प्रशासन ने अपील की है कि यदि इंदौर में कोई भी अनाथ बच्चा मिले तो उसे तुरंत अनाथ आश्रम में पहुंचा दें। जो अपने बच्चों को पालने में सक्षम नहीं हैं, वे भी अपने बच्चों को यहां पर भेज सकते हैं। प्रशासन ने यह अपील इसलिए की है कि एक पिता ने अपनी दूसरी नवजात बेटी को झाड़ियों में फेंक दिया था।

प्रशासन ने कहा कि जो अपने बच्चों को नहीं पाल सकते, वे अपने बच्चों को अनाथ आश्रम में भेज सकते हैं। शुक्रवार को जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक के बाद इसकी जानकारी जारी की गई। जिले में पालने में असक्षम या असमर्थ पालकों से बच्चे लेने के लिए बाल कल्याण समिति अथवा बालगृह संस्थाओं में विशेष व्यवस्था है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं संशोधित अधिनियम 2021 की धारा 35 (1) अंतर्गत कोई माता-पिता या संरक्षक, जो किसी बालक (शिशु) को पालने में असक्षम या असमर्थ है, ऐसे माता-पिता या संरक्षक बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत होकर ऐसे बच्चों (शिशु) को समिति के सुपुर्द देने का प्रावधान हैं। ऐसे माता-पिता या संरक्षक की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाती है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि बाल कल्याण समिति का कार्यालय 53-54 प्रभु नगर बैंक ऑफ बड़ौदा के ऊपर अन्नपूर्णा रोड राजेन्द्र नगर में है। ऐसे माता-पिता जो बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होना चाहते हैं, वे इंदौर में स्थित विभिन्न संस्थाओं में लगे पालनों में बच्चों (शिशु) को बिना अपनी पहचान बताए दें सकते हैं। अभ्यर्पित या पालने में दिए गए बच्चों (शिशु) को केन्द्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण संसाधन नई दिल्ली के माध्यम से पूर्ण वैधानिक प्रकिया से दत्तक ग्रहण पर देने की व्यवस्था है।

शिशुओं के लिए शहर में संस्थाएं
– 10/3 मुराई मोहल्ला छावनी में राजकीय बाल संरक्षण आश्रम।
– 54 स्कीम सत्यसांई स्कूल के पीछे एबी रोड पर संजीवनी सेवा संगम शिशु गृह।
– 159 चिकित्सक नगर बाम्बे अस्पताल के पास सेवा भारती मातृछाया शिशु गृह।
– 12/5 महात्मा गांधी मार्ग कोठारी मार्केट में श्रद्धानंद बाल आश्रम।
– 26/2 चैतन्य धाम नंदबाग कालोनी टिगरिया बादशाह में सागर सामाजिक विकास संस्था बालगृह।
– श्रमिक कालोनी राऊ में जीवन ज्योति बालगृह।
– 14/2 स्नेहलतागंज लोक शक्ति भवन में लोक बिरादरी ट्रस्ट आश्रय गृह।

वो घटना जिसके बाद अपील की गई
अपनी ही अबोध बच्ची को झाड़ियों में फेंक आने की यह घटना शुक्रवार की है। 18 दिन की दूधमुंही बच्ची को मां ने नहलाकर पलंग पर सुलाया था और बाथरूम मे गई। वापस आकर देखा तो बच्ची पलंग पर नहीं थी। घर में आसपास पूछा तो कोई सूचना नहीं मिली। बच्ची की मां हीरानगर थाने गई और शिक़ायत दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 363 का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। पुलिस ने बच्ची की तलाश में संभावित स्थानों पर तलाश शुरू की।आसपास के सीसीटीवी फुटैज तथा संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई। सीसीटीवी फुटैज एवं शंका के आधार पर बच्ची के पिता से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई तो बच्ची के पिता ने बात कबूल कर ली कि मेरी पहले से एक डेढ़ साल की बालिका थी। दूसरी बार भी लड़की हो गई तो नाराज होकर मै बच्ची को उठाकर सांवेर रोड़ स्थित झाड़ियो के पीछे छोड़ आया। जानकारी मिलने पर बालिका को तत्काल तलाश कर उसकी मां के सुपुर्द किया गया।