Do not Punish Students : राखी बांधकर या तिलक, मेहंदी लगाकर स्कूल आने वाले स्टूडेंट्स को सजा न दें, NCPCR के निर्देश!

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Do not Punish Students : राखी बांधकर या तिलक, मेहंदी लगाकर स्कूल आने वाले स्टूडेंट्स को सजा न दें, NCPCR के निर्देश!

New Delhi : रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान स्कूलों में छात्रों के साथ भेदभाव नहीं करने के निर्देश दिए गए। राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि अगर छात्र राखी बांधकर या तिलक व मेहंदी लगाकर स्कूल आते हैं, तो उन्हें कोई सजा नहीं दी जाए। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगों ने स्कूलों में भेदभाव की कुछ घटनाओं के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि त्योहारों के उत्सव के कारण छात्रों को स्कूल के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न व भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

स्कूल प्रबंधन छात्रों को रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान राखी बांधकर या तिलक व मेहंदी लगाकर स्कूल आने की अनुमति नहीं देते और ऐसा करने पर उनको शारीरिक दंड देने के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित करते हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने कहा कि अगर किसी स्कूल में इस तरह के सजा दी जाती है, तो यह शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 का उल्लंघन होगा।

एनसीपीसीआर ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी करने को कहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने कहा कि सभी अधिकारी 17 अगस्त तक इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट जमा करें। एनसीपीसीआर के इस निर्देश को लेकर शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वो अपने स्कूल में ऐसी किसी भी प्रथा का पालन नहीं करें, जो छात्रों के साथ भेदभाव करती हो या उन्हें जिससे शारीरिक दंड दिया जाए।