Doctor Became IAS Officer : पहले ये 5 बने डॉक्टर फिर IAS का जुनून सवार हुआ तो UPSC क्रेक कर बने अफसर!
New Delhi : यूपीएससी की परीक्षा क्रेक करके आईएएस और आईपीएस बनने वालों में सिर्फ पढ़ाकू तबियत के परीक्षार्थियों का ही ज्यादा नंबर नहीं लगता। बल्कि, एमबीबीएस करने वालों के अलावा आईआईटी और आईआईएम करने वालों की संख्या ज्यादा है। डॉक्टरी का पेशा कहीं से भी प्रशासनिक व्यवस्था को आकर्षित नहीं करता, पर आजकल डॉक्टर भी यूपीएससी देकर अफसर बनने लगे।
इसमें कोई शक नहीं कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा है। सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद आईएएस, आईपीएस जैसे पदों पर सिलेक्शन होता है। लोग लाखों की नौकरी इसलिए त्याग देते हैं, क्योंकि उन्हें आईएएस बनने का जुनून होता है। यहां पांच ऐसे आईएएस अधिकारी का जिक्र जिन्होंने यूपीएससी के जुनून की वजह से डॉक्टर की नौकरी छोड़ दी और प्रशासन के मुखिया बन गए।
कर्नाटक के एक छोटे से गांव में जन्मे नागार्जुन बी गौड़ा नीट परीक्षा पास करके डॉक्टर बन गए! उसके बाद वे एक हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर काम करने लगे। यूपीएससी सीएसई 2018 परीक्षा में 418वीं रैंक के साथ वह आईएएस अफसर बन गए। केरल के अलाप्पुझा की जिला कलेक्टर डॉ रेनू राज ने मेडिकल की पढ़ाई करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और सेकंड रैंक हासिल की।
रोमन सैनी ने सिर्फ 16 साल की उम्र में एम्स मेडिकल परीक्षा पास कर ली और 21 साल की उम्र में डॉक्टर बनकर AIIMS के NDDTC विभाग में काम करने लगे थे। फिर वह 22 साल की उम्र में UPSC परीक्षा पास कर आईएएस बन गए। आईएएस प्रियंका शुक्ला ने लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की। फिर प्रियंका ने डॉक्टरी छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और 2009 में दूसरे प्रयास में आईएएस बन गईं।
डॉ स्नेहा अग्रवाल ने दिल्ली एम्स से मेडिकल की पढ़ाई की है। 2009 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 305वीं रैंक हासिल की थी। वह 2011 में फिर परीक्षा में बैठीं और यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया।