
Doctor Death : इतनी हत्याएं की कि ‘डॉक्टर डेथ’ गिनती ही भूल गया, सारा गोरखधंधा किडनी बेचने के लिए!
पुलिस ने दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर छुपे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया!
Dausa (Rajasthan) : यह किसी फिल्म या सीरियल की अपराध कथा नहीं, बल्कि अपराध की ऐसी कहानी हैं, जिसे सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाए। ऐसा कातिल जो 50 लोगों को मारने के गिनती ही भूल गया और कानून की नजरों से बचने के लिए पुजारी के भेष में एक आश्रम में छुपा रहा। लेकिन, पुलिस की नजर से बच नहीं सका। पहले आयुर्वेद में डॉक्टरी की डिग्री, इसके बाद 11 साल तक मेडिकल प्रेक्टिस। फिर एक फर्जी गैस एजेंसी और इसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट शुरू किया। जिसके लिए एक-एक कर 50 से ज्यादा लोगों की बेरहमी से हत्या की और सबूत मिटाने के लिए उनके शवों को मगरमच्छों के सामने डाल दिया। यह है देवेंद्र शर्मा जिसे ‘डॉक्टर डेढ़’ कहा जाता है। उंसने 11 साल मेडिकल प्रेक्टिस की और इसके बाद सीरियल किलर बन गया।
डॉ देवेंद्र शर्मा को डॉक्टर डेथ के नाम से भी जाना जाता है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को इस डॉक्टर डेथ को राजस्थान के दौसा में एक आश्रम से गिरफ्तार किया। देवेंद्र शर्मा सजायाफ्ता है और 2023 में परोल मिलने के बाद गायब हो गया था। उसने 50 से ज्यादा हत्याएं की और सबूत मिटने के लिए लाशों को उत्तर प्रदेश के कासगंज में मगरमच्छों से भरी नहर में फेंक दिया।
अलीगढ़ में रहने वाले देवेंद्र शर्मा ने बिहार के एक कॉलेज से बीएएमस की पढ़ाई की। डिग्री लेने के बाद देवेंद्र राजस्थान आ गया और यहां बांदीकुई इलाके में जनता क्लीनिक बनाकर मेडिकल प्रेक्टिस करने लगा। करीब 11 साल की प्रेक्टिस के बाद उसने डॉक्टरी को अलविदा कहा और गैस एजेंसी खोलने के मकसद से वापस अलीगढ़ आ गया।
यहां उसके साथ धोखा हो गया, जिस वजह से उसे भारी नुकसान हुआ। नुकसान से उबरने के लिए देवेंद्र ने एक फर्जी गैस एजेंसी बनाई और अलग-अलग तेल कंपनियों के ट्रकों को लूटना शुरू किया। इस काम को करते हुए उसने 1998 और 2004 के बीच एक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट भी चलाया। यहां उसने डॉक्टरों और बिचौलियों की मदद से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट कराए।
मारकर मगरमच्छों को लाशें खिलाता
उसके संपर्क कई राज्यों के डॉक्टरों और बिचौलियों से थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बदले उसे 5 से 7 लाख रुपये मिलते थे। इतना सब करने के बाद भी, जब उसका मन नहीं भरा तो उसने अब टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाकर उनकी हत्याएं करना शुरू कर दिया। वह दिल्ली से टैक्सी किराए पर लेता और रास्ते में मौका पाकर ड्राइवरों की हत्या कर देता। हत्या के बाद लाशों को वह यूपी के कासगंज में बहने वाली हजारा नहर में फेंक देता था, ताकि किसी को कोई सबूत ना मिले।
हत्या और लाश को ठिकाने लगाने के बाद देवेंद्र उनकी गाड़ियों को कबाड़ मार्केट में 20 से 25 हजार रुपये में बेच देता। देवेंद्र अब अकेले काम नहीं करता था, उसने अपना एक गैंग भी बनाया। कुछ वक्त बाद हत्याओं के इस राज से पर्दा हटा और पुलिस ने देवेंद्र को 21 टैक्सी चालकों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसने खुद 50 से अधिक लोगों को मारने की बात कबूल की। देवेंद्र ने यह भी कहा कि 50 लोगों को मारने के बाद उसे गिनती याद नहीं।
केवल सात लाशें ही मिल सकीं
पुलिस ने बताया कि चूंकि पुलिस पीड़ितों के शवों को कभी बरामद नहीं कर सकी, इसलिए देवेंद्र को केवल सात लोगों की हत्याओं के लिए आजीवन कारावास दिया गया। पुलिस के मुताबिक, उसकी पत्नी और बच्चों ने उसकी करतूतों का पता चलने के बाद उसे छोड़ दिया था। जनवरी 2020 में, देवेंद्र को अच्छे चाल-चलन की वजह से जयपुर सेंट्रल जेल से परोल पर रिहा कर दिया गया। लेकिन, परोल अवधि खत्म होने के बावजूद वह वापस नहीं लौटा।
दूसरी शादी और प्रॉपर्टी का धंधा
कुछ महीने बाद पुलिस इलाके के वॉन्टेड अपराधियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही थी, तभी दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर को सूचना मिली कि देवेंद्र ने दूसरी शादी कर ली है और वह अपनी पत्नी के साथ बापरोला इलाके में रह रहा है। उसने एक प्रॉपर्टी डीलरशिप भी शुरू की है। हालांकि, जल्द ही उसे कनॉट प्लेस में एक विवादित बिल्डिंग बेचने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया और गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में डाल दिया गया।
मोबाइल रिचार्ज से मिला सुराग
एक बार फिर देवेंद्र को दो महीने के लिए पैरोल दी गई। वह जून 2023 में जेल से बाहर निकला और कभी लौटकर वापस नहीं आया। उसकी तलाश में जुटी पुलिस टीम ने अलीगढ़, जयपुर और दिल्ली तक गुपचुप तरीके से पूछताछ की, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला। करीब 6 महीने का वक्त बीतने के बाद पुलिस को पता चला कि देवेंद्र का मोबाइल राजस्थान के दौसा में रिचार्ज कराया है। तुरंत पुलिस की एक टीम दौसा के लिए रवाना हुई।
पुलिस वाला भक्त बनकर देवेंद्र से मिला
यहां पहुंचने पर देवेंद्र की लोकेशन एक आश्रम में मिली। इसके बाद पुलिस की टीम ने सादी वर्दी में आश्रम के बाहर डेरा डाला और उसके ऊपर नजर रखनी शुरू की। एक हफ्ते की निगरानी के बाद पुलिस को पता चला कि देवेंद्र यहां पुजारी के भेष में छिपकर रह रहा है। पुलिस के एक जवान ने भक्त बनकर उससे मुलाकात की और लगातार उसपर नजर बनाए रखी। पुख्ता होने के बाद कि यह पुजारी ही सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा है, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अब उसे फिर जेल भेजा जाएगा और कभी पेरोल नहीं मिलेगी।





