बॉंड भरकर गांवों में सेवा नहीं दे रहे डॉक्टर, अब पंजीयन होंगे निरस्त, 25 लाख भी जमा करने होंगे

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बॉंड भरकर गांवों में सेवा नहीं दे रहे डॉक्टर, अब पंजीयन होंगे निरस्त, 25 लाख भी जमा करने होंगे

 

भोपाल: प्रदेश के शासकीय और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों से एमबीबीएस अथवा पीजी उत्तीर्ण चिकित्सकोें की नियुक्ति के समय उनसे अध्ययन पूरा होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए बॉंड तो सरकार भरवा रही है लेकिन वे बॉंड के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं नहीं दे रहे है। अब सरकार ऐसे डॉक्टरों के पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश मेडिकल कौंसिल को कड़ी कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है।

स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों में कहा गया है कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के समय सभी मेडिकल छात्र पात्रता अनुसार शपथ पूर्वक प्रदेश में प्रचलित बंधपत्र शर्तो के अधीन अध्ययन के उपरांत अनिवार्य सेवा करने के लिए बाध्य रहते है। बॉंड भरने वाले चिकित्सकों को राज्य में चिन्हित संस्थाओं में एक वर्ष दो वर्ष और पांच वर्ष की सेवा देने हेतु शपथपूर्वक लिखित दस्तावेज निष्पादित किया जाता है तथा बंध पत्र सेवा न देने पर पांच लाख, आठ लाख, दस लाख से लेकर पच्चीस लाख रुपए तक शासन के खाते में जमा कराने के लिए बॉंड पर हस्ताक्षर कराया जाता है।

पिछले कुछ वर्षो से स्वास्थ्य विभाग को यह जानकारी मिल रही है कि बॉंड भरने वाले चिकित्सक मध्यप्रदेश में पदस्थापना के बाद न तो पदस्थापना स्थल पर कार्य ग्रहण कर रहे है और कार्य ग्रहण कर रहे है तो कार्य संपादित नहीं कर रहे है। बॉंड भरने वालें चिकित्सकों को जारी किए जाने वाले अनापत्ति प्रमाणपत्र एवं पदस्थापना किए जाने वाले चिकित्सकों की संख्या में बहुत अंतर सामने आ रहा है। काफी संख्या में बंधपत्र चिकित्सक कार्यभार ग्रहण करने के बाद पदस्थापना स्थल से पारिवारिक कारण, पीजी अध्यन की तैयारी अथवा अन्य कोई कारण देकर बिना अनुमति के अनुपस्थित हो जाते है अथवा अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित हो जाते है और लंबे समय तक बंधपत्र सेवासं प्रदान नहीं करते है। विभाग पुन: कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति भी निरंतर देता है लेकिन बंधपत्र चिकित्सक पुन: कुछ समय सेवाएं देने के बाद अनुपस्थित हो रहे है यह स्थिति मान्य नहीं है।

बंधपत्र चिकित्सकों द्वारा निरंतर रुप से सेवाएं प्रदान नहीं करने के कारण प्रदेश के आमजन को चिकित्सीय सेवाएं प्रदान किए जाने में कठिनाई हो रही है। कार्यस्थल से गायब रहने वाले चिकित्सकों को भविष्य में पुन: कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उनसे बंधपत्र राशि जमा कराने के लिए विभाग अब कड़ाई करेगा। ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही भ्ज्ञी की जाएगी।

बंधपत्र सेवा का निष्पादन लोक स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा के अधीन किया जाता है। बंधपत्र चिकित्सकों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश राज्य आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम में किए गए संशोधनों के तहत चिकित्सकों के पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश मेडिकल कॉलेज द्वारा की जाती है। इसलिए रजिस्ट्रार को निर्देशित किया गया है कि बंधपत्र सेवाएं संपादित नहीं करने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करें।