गधों को गुलाब जामुन खिलाने के बाद भी बरसात नहीं होने पर मंदसौर में एक ओर टोटका,जीवित व्यक्ति की निकाली शव यात्रा 

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गधों को गुलाब जामुन खिलाने के बाद भी बरसात नहीं होने पर मंदसौर में एक ओर टोटका,जीवित व्यक्ति की निकाली शव यात्रा 

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मन्दसौर । नगर और जिले में लंबे समय से बारिश नही हुई है । लोगो ने कई टोटके कर के देख लिए लेकिन बादल नही बरसे । मौसम विभाग ने भी विगत दिनों मन्दसौर जिले को सुखा क्षेत्र के हालात की संभावना जताई है ।

इस वर्ष अबतक मात्र 17 इंच ही वर्षा दर्ज़ हुई है जबकि गत वर्ष अबतक 37 इंच हुई थी । खड़ी फसलों को नुकसानी की आशंका बढ़ गई है । यही स्थिति रही तो साढ़े तीन – चार लाख हेक्टेयर सोयाबीन , मूंगफली , मक्का दलहन आदि की पैदावार प्रभावित होगी । पेयजल संकट गहरा सकता है , ऐसे में मंदसौर एवं जिले के लोग बड़े निराश होंगये थे , तब थोड़े समय के लिए पानी गिरा था हल्की बरसात हुई मगर सही ढंग से आपूर्ति नही हो पाई थी । अब ये हाल है की गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है तथा बादल तो होते हैं लेकिन बारिश के कोई आसार नही बनते । ऐसे में यदि समय पर बारिश नही हुई तो किसानों की सोयाबीन खराब हो जाएगी । और क्षेत्र में फिर से बारिश ना होने के कारण परेशानियां हो जाएंगी ।

इसके पहले अन्य प्रयोग और टोटके अपनाए गए । श्मशान मुक्ति धाम पर हवन कराया गया । गधे पर बैठकर सवारी की गई । खेतों में हल चलवाया गया । गधों को गुलाब जामुन मिठाई भी खिलाई गई ।

बालागंज पायगा में सर्व हिताय और वर्षा की प्रार्थना करते हुए शिव प्रतिमा जल में डुबाकर शिव पुराण कथा आयोजित की गई । परन्तु अच्छी बरसात नहीं हुई ।

संकट गहरा होता जारहा ऐसे में जीवित व्यक्ति की शवयात्रा का टोटका आजमाया गया ।

प्राचीन मान्यता है कि किसी जीवित व्यक्ति की शव यात्रा समाज एवं नागरिकों द्वारा निकाली जाए तो बारिश हो सकती है । ऐसे में बड़ी दिक्कत ये भी थी कि अपनी जिंदा रहते शव यात्रा कौन निकलवाए ?

 

ऐसे में चैतन्य सिंह सामने आए और अपनी शव यात्रा निकलवाने को तैयार हुए । चैतन्य सिंह राजपूत एक साल पहले तक शेख जफर थे । एक साल पहले ही उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाया है

 

मौके पर बाकायदा रस्में हुई शव वाहन व ढोल बाजे बुलाए गए । रामनाम बजता रहा । पूरे संस्कारो के साथ अर्थी तैयार हुई व चैतन्य सिंह राजपूत को उठाकर उस अर्थी पर लेटाया गया और उनकी जिंदा रहते शव यात्रा पूरे मन्दसौर में घुमाई गई । इस शव यात्रा में सिंधी समाज प्रमुख दृष्टानन्द नैनवानी , रविन्द्र पांडेय , हिम्मत डांगी ,विनय दुबेला , सत्येंद्र सिंह सोम मनीष नीमे अम्बालाल चौहान ,कुणाल श्रीवास्तव सुनील बंसल सहित शहर के कई वर्गों के गणमान्य भी शामिल हुए ।

 

लोगो का मानना है कि अब इस से भी प्रभु प्रसन्न हो जाए और बादल बरस जाए तो राहत मिल जाए ।

 

हालांकि ये सब बातें विज्ञान नही मानता लेकिन आस्था है जिस पर देश मे एक बड़ा हिस्सा यकीन करता है ।

 

जीवित अर्थी पर लेटे चैतन्य सिंह राजपूत का कहना है कि –

यदि हम पर्यावरण ,पेड़ पौधों का ध्यान नही रखेंगे तो आगे और परेशानी बढ़ेगी । कई लोगों की अर्थियां उठेगी । लोगो को पर्यावरण के लिए जागरूकता लानी होगी ।

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शव यात्रा की तैयारी की गई गांधी चौराहा विश्वपति शिवालय के बाहर से निकली यह शवयात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से गुज़री , अर्थी पर लेटे जीवित सामाजिक कार्यकर्ता चैतन्य सिंह राजपूत , मीडिया साथियों ने भी दिया अर्थी को कांधा ,

ढोल , संगीत के साथ शव यात्रा के पहले शव बनकर अर्थी पर लेटे चैतन्य सिंह राजपूत को मालाएं पहनाई , आगे मिट्टी के बर्तन में कण्डे की अग्नि लगाई गई ।

बीच मे शव सहित अर्थी को शव वाहन में लेटाया गया । वाहन में समाज जन भी बैठे । शनिवार दोपहर से शाम तक निकली इस शवयात्रा को नगर में कोतुहल के साथ देखा गया और परस्पर चर्चा का बिंदु बनगया ।

हालांकि मौसम विभाग ने फिलहाल तेज़ वर्षा की संभावना को नकारा है पर समाज के लोगों द्वारा किये प्रयोग और टोटके से आशा जताई है कि इंद्रदेव प्रसन्न होंगे और नगर व जिले में अमृत समान अच्छी बरसात होगी ।