असफलता से डरना नहीं, उससे सीखना चाहिए– अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक श्री अक्षत गुप्ता

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असफलता से डरना नहीं, उससे सीखना चाहिए– अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक श्री अक्षत गुप्ता

मंदसौर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह: शिक्षा, संस्कृति और प्रेरणा का अद्भुत संगम

मंदसौर से वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर। मंदसौर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर में भव्यता, अनुशासन और सांस्कृतिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। इस समारोह ने न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों का उत्सव मनाया, बल्कि विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और समाज को प्रेरणा एवं ऊर्जा देने का माध्यम भी बना। विश्वविद्यालय के इतिहास में यह आयोजन एक यादगार और महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज हो गया।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक, कवि और स्क्रीनराइटर श्री अक्षत गुप्ता ने विद्यार्थियों को जीवन के संघर्षों से लड़ने और असफलताओं को स्वीकार करने का सशक्त संदेश दिया। उन्होंने कहा असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीखना चाहिए। सफलता अस्थायी होती है, लेकिन असफलता हमें जीवन की सच्ची शिक्षा देती है।”अपने संबोधन में उन्होंने कई प्रेरणादायी अनुभव साझा किए और बताया कि स्वयं उन्होंने जीवन में अनेक असफलताओं का सामना किया, परंतु कभी हार नहीं मानी।

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श्री अक्षत गुप्ता ने विद्यार्थियों से अपनी मातृभाषा, संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा
हम अपने नाम के साथ अपनी माताओं का नाम जोड़ें। यह हमारी पहचान है, हमारी संस्कृति की जड़ है।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक शब्द जीवन बदल सकते हैं, जबकि गलत शब्द रिश्ते तोड़ सकते हैं। इसलिए सोच-समझकर बोलने की आदत विकसित करना अत्यंत आवश्यक है।

श्री गुप्ता ने महिलाओं के सम्मान और संवेदनशीलता पर कहा कि लक्ष्मी, सरस्वती और अन्नपूर्णा तभी दुर्गा या काली बनती हैं, जब समाज में बुराई बढ़ती है। हमें महिलाओं को शक्ति का प्रतीक मानना चाहिए।उनकी इन बातों ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला और सभागार तालियों से गूंज उठा।

डिग्री ही नहीं, चरित्र निर्माण हमारा लक्ष्य— कुलाधिपति श्री नाहटा

कुलाधिपति श्री नरेंद्र नाहटा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि यह उनके जीवन की नई शुरुआत का प्रतीक है।उन्होंने कहा “शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि ऐसा चरित्र निर्माण करना है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सके।”
श्री नाहटा ने कहा कि 26 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य बेटियों को इंजीनियरिंग और फार्मेसी जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ाना था, और आज विश्वविद्यालय उसकी प्रत्यक्ष प्रतिमूर्ति बन चुका है।उन्होंने आश्वस्त किया कि मंदसौर विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में प्रदेश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में स्थान बनाएगा और शिक्षा के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करेगा।

नौकरी नहीं, रोजगार सृजन शिक्षा का लक्ष्य— कुलपति डॉ. ठाकुर

कुलपति डॉ. राजीव आर. ठाकुर ने कहा कि मंदसौर विश्वविद्यालय केवल डिग्रियाँ बांटने वाला संस्थान नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों में सृजनशीलता, नेतृत्व और नैतिकता विकसित करने का केंद्र है।उन्होंने कहा उच्च शिक्षा का लक्ष्य नौकरी प्राप्त करना ही नहीं, बल्कि युवाओं को रोजगार सृजन करने योग्य बनाना है।

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विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने देश-विदेश के शीर्ष शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ 17 एमओयू किए हैं।

आईआईटी दिल्ली वर्चुअल लैब संचार केंद्र से जुड़कर विद्यार्थी आधुनिक तकनीक का प्रत्यक्ष लाभ उठा रहे हैं। लगभग 6000 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं।इनमें से 1600 विद्यार्थी विदेशों में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं।

पदक वितरण और सम्मान—

समारोह में तीन शिक्षण सत्र के विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं।अनुसंधान क्षेत्र में विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 120 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि दी गई। इनमें मंदसौर से डॉ आरती जैन, डॉ श्रुति बटवाल आदि प्रमुख हैं। शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए 84 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।इस दौरान पूरे सभागार में उत्साह, आनंद और गर्व की ध्वनि गूंजती रही। विद्यार्थियों के चेहरों पर उपलब्धि की चमक स्पष्ट नजर आ रही थी। अभिभावक अपने बच्चों की सफलता पर गर्व से भरे नजर आए।

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देश भक्ति के साथ हुआ समापन…..

कार्यक्रम के अंत में कार्यकारी अध्यक्ष श्री राहुल नाहटा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और आयोजन में सहयोग देने वाले सभी शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा आप सभी इस समारोह की आत्मा हैं। आपकी मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को यादगार बनाया।”इसके बाद कुलाधिपति श्री नरेंद्र नाहटा ने समारोह के औपचारिक समापन की घोषणा की।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिससे पूरे सभागार में देशभक्ति और गौरव की भावना जाग उठी।

मंदसौर यूनिवर्सिटी दीक्षांत समारोह में देश भर से विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक के साथ गणमान्य जनों के अलावा उद्योगपति श्री बलजीत सिंह नारंग, लायंस क्लब पूर्व अध्यक्ष सी ए विकास भंडारी, जन परिषद संस्था प्रांतीय सह सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल, वैश्य समाज प्रमुख श्री नंदकिशोर अग्रवाल, पी जी कॉलेज प्रिंसीपल प्रो जे एस दुबे म्यूजिक कॉलेज प्रिंसीपल डॉ उषा अग्रवाल, उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य श्री रवीन्द्र कुमार दवे सहित अन्य वरिष्ठ गणमान्य जनों की उपस्थिति रही।