#stopSuicide:आत्महत्या ना करें भगवान सदैव आपके साथ है

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प्रतिदिन समाचार पत्र और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आत्महत्या की खबरों से भरे रहते हैं, मनुष्य के जीवन में तनाव, दुःख, निराशा, अवसाद, बढ़ते ही जा रहे है, इस ईश्वर प्रदत्त जीवन को खुशी खुशी जीने की मूल भावना की जगह इस सृष्टि के रचयिता की सर्वश्रेष्ठ कृति अपने सृजनकर्ता की असीम कृपा को भुलाकर, परमात्मा प्रदत्त असीमित शक्तियों को भुलाकर, एक मूक प्राणी की तरह अपने आपको परिस्थितियों के हवाले कर मृत्यु का वरण करने का कायरतापूर्ण पलायनवादी रवैया अख्तियार कर रही है ।

मैं समझ सकता हूँ कि हमारे इस जीवन में खुश रहने की वजह मुश्किल से मिलती है लेकिन फिर भी मैं प्रतिदिन खुश रहता हूँ, प्रफ्फुलित रहता हूं, जीवन ऊर्जा से भरा रहता हूँ, प्रसन्नचित रहता हूँ ।

आप सोच रहे होंगे कि कोई कैसे हर दिन प्रसन्न रह सकता है ?

सच मानिए मैं प्रतिदिन प्रसन्न रहता हूं, और मेरी इस प्रसन्नता के पीछे एक बहुत ही असाधारण, अनोखा ईश्वर प्रदत्त कारण है ।

हम यह जानते हैं और मानते भी हैं कि हम उस परमपिता की संतान हैं और जन्म और मृत्यु पर हमारा वश नहीं है, यह उस कृपालु ईश्वर के ही हाथों में है ।

हम सभी भगवान के कृपा पात्र बनना चाहते हैं, जन्म से लेकर मृत्यु तक हम ईश्वर की कृपा के भागीदार बनने लिए नाना प्रकार के जतन करते रहते हैं, ईश्वर की किंचित कृपा पाने के लिए हम सब कुछ न्यौछावर करने को सदैव उद्दत रहते हैं ।

हम सभी मानव यह बात भलीभांति समझते हैं और विश्वास पूर्वक मानते हैं कि जब तक परमात्मा की कृपा है तब तक ही हम जीवित हैं, उनकी कृपा हटते ही इस धरती पर इस जीवन काल में हमारा समय समाप्त हो जाता है, अत: परमात्मा की कृपा का भागीदार बनने से बेहतर और क्या हमें चाहिए सदा प्रसन्न रहने के लिए, यदि हमें ईश्वर कृपा प्रतिदिन प्राप्त हो, परमपिता का जीवन आशीर्वाद नित्य मिले तो हमें रोजाना खुश रहना चाहिए ना ?

मैं प्रतिदिन परमपिता की असीमित कृपा प्राप्त करता हूँ, जी हां प्रतिदिन मुझे ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और यह पुरस्कार मुझे रोजाना उत्साह, उमंग और प्रसन्नता से भर देता है । मेरे जीवन में आने वाले हर दिन मेरे पास खुश, उत्साहित, तरंगित रहने के लिए एक अद्भुत वजह होती है, अब आप जानना चाहेंगे कि ऐसी कौनसी वजह है तो आइए यह अति साधारण सा लगने वाला लेकिन बहुत गूढ़ रहस्य मैं आप सभी को बताता हूं, आगे आने वाली चंद लाइनों को बहुत ध्यान से पढ़िए |

प्रत्येक रात सोने से पहले मैं प्रार्थना करता हूँ कि हे प्रभु आपकी कृपा से मैंने आज का दिन व्यतीत किया और इसके लिये मैं आपका आभार व्यक्त करता हूँ और अपने आपको आपकी शरण में छोड़ता हूँ, अपना यह जीवन आपके हवाले करता हूँ, यह कह कर मैं निद्रा के हवाले हो जाता हूँ और अगली सुबह जागने पर जब मैं अपने आप को जीवित पाता हूँ, साँसों को चलते हुए पाता हूँ, अपने अंगों को पिछली रात की तरह ही सक्रिय पाता हूँ… तो मैं बहुत खुश हो जाता हूँ, प्रफुल्लित हो उठता हूँ, ऊर्जा और उमंग से भर जाता हूँ, और मन ही मन कहता हूँ, “धन्यवाद भगवानजी”, आज फिर आपने अपनी असीम कृपा मुझ अकिंचन पर बरसाई है, मुझे और एक नवीन दिन का जीवनदान दिया है |

स्वयम को जीवीत पाकर मैं प्रसन्नता से भर उठता हूँ और साथ ही साथ मेरे मन में यह विश्वास भी पुनः जागता है कि जब भगवान् मुझ पर प्रसन्न रहकर अपनी कृपा बरसा रहे हैं, मुझे जीवन जीने का मौका दे रहे है, उनकी असीम अनुकम्पा आज भी मुझ पर है, तो मैं भी उन परमपिता की एक लायक और बेहतरीन संतान बनकर दिखाऊंगा, संसार की हर समस्या से बिना शिकायत जुझूँगा और उनसे पार पाकर दिखाऊंगा |

एकबार पुनः धन्यवाद भगवानजी | मुझे और एक दिवस इस अद्भुत जीवन को जीने की खुशी देने के लिए |

इस लेख को पढ़ने वाले अगर मेरी बात से सहमत है तो इसे अपने सभी मित्रो और परिजनों से साझा करे | खुशीया बांटे | लोगो में जीने की उमंग जगाये | हताशा निराशा दूर करें | आत्मविश्वास बढ़ाकर उम्मीदों के चिराग रोशन करे | अवसाद से बाहर निकलने में मदद करें, आत्महत्या के विचारों को परे झटकें ।

धन्यवाद |

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रज
राजकुमार जैन