
Dowry Case : दहेज मामले की शिकायत में 2 महीने तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया!
New Delhi : एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2 साल पुराने दिशा-निर्देशों को अपनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कोई महिला अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना एक्ट के तहत केस दर्ज कराए, तो पुलिस दो महीने तक पति या उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार न करे।
कोर्ट ने यह फैसला एक महिला आईपीएस से जुड़े मामले पर सुनवाई के दौरान सुनाया। कोर्ट ने कहा कि महिला आईपीएस अधिकारी को अलग हुए पति और उसके रिश्तेदारों से उत्पीड़न के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित करके माफी मांगनी होगी। सीजेआई बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने 2022 बैच की आईपीएस अधिकारी शिवांगी बंसल गोयल और उनके पति के बीच शादी के बाद तलाक को लेकर समझौते का फैसला सुनाया।
सुनवाई को दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि माफी इसलिए जरूरी थी, क्योंकि शिवांगी के दायर किए गए मामलों के कारण उनके पति 109 दिन और उनके पति के पिता 103 दिन जेल में रहे और पूरे परिवार को शारीरिक और मानसिक आघात और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने जो कुछ सहा है, उसकी भरपाई किसी भी तरह से नहीं की जा सकती।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इसका इस्तेमाल शिवांगी बंसल/ शिवांगी गोयल के खिलाफ किसी भी अदालत प्रशासनिक/ नियामक/ अर्ध-न्यायिक निकाय/ ट्रिब्यूनल में उनके हितों के खिलाफ अब या भविष्य में कभी नहीं किया जाएगा।





