शिकायतों को लेकर लंबे समय बाद शुरू हुईPublic Hearing में पहुंचे दर्जनों आवेदक

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केस-एक
शाहजहांनाबाद निवासी इरशाद मंगलवार को शुरू हुई जनसुनवाई(Public Hearing )में पहुंचे। वे विकलांग हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी सहायता, कामकाज और नौकरी को लेकर वे कई महीनों से चक्कर लगा रहे हैं। सरकारी सहायता को लेकर एक बार फिर वे जनसुनवाई(Public Hearing ) में आए हैं, ताकि उन्हें शासन का सहयोग मिल सके और वे अपना जीवनयापन कर सकें।

केस-दो
करोंद निवासी राजकुमारी गुप्ता ने बताया कि दो साल पहले उनके बेटे 22 वर्षीय रोहित गुप्ता का टीबी की बीमारी से निधन हो गया था। पति अपाहिज है। ऐसे में आर्थिक सहायता और शासन की निर्धारित नीतियों के तहत लाभ लेने के लिए इसके पहले दो-तीन बाद जनसुनवाई (Public Hearing )और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की, लेकिन अब तक कोई सहायता नहीं मिली।
केस-तीन
रातीबड़ रोड स्थित गांव आमला के निवासी पुरुषोत्तम माहेश्वरी सहित गांव के एक दर्जन से अधिक लोग जनसुनवाई(Public Hearing ) में पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के सरपंच दिनेश मीणा ने मनरेगा योजना के तहत करीब 3 करोड़ 65 लाख रुपए निकाले, लेकिन काम दो रुपए का भी नहीं किया। इसके पहले इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय और सीएम हेल्पलाइन में भी की है।
भोपाल में
भोपाल में करीब छह महीने के बाद मंगलवार को एक बार फिर से जनसुनवाई(Public Hearing ) शुरू हुई। कलेक्ट्रेट में ज्वाइंट कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी ने दोपहर 12 बजे तक करीब दो दर्जन लोगों की शिकायतें सुनीं। महीनों बाद शुरू हुई इस जनसुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी किया गया था। आवेदक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपनी शिकायतों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। गौरतलब है कि तीन दिन पहले शासन के निर्देश पर दोबारा जनसुनवाई शुरू हुई है।
कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि शासन के निर्देश पर आज विधिवित सभी विभागों के अफसरों की उपस्थिति में आवेदकों की शिकायतें सुनी गई और उन पर अमल किया गया। इसके पहले मार्च तक जनसुनवाई(Public Hearing ) चालू रही। इसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण जनसुनवाई(Public Hearing ) का स्थगित कर दिया गया था, लेकिन कलेक्ट्रेट में आने वाली शिकायतों को सीएम हेल्पलाइन के तहत उन पर काम किया जा रहा था।