
डॉ. अजय खेमरिया ने संभाला आयुक्त, दिव्यांगजन का पदभार:प्रदेश में दिव्यांग सशक्तिकरण को मिलेगी नई दिशा
Bhopal: मध्यप्रदेश शासन ने सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय और अनुभवी समाजसेवी डॉ. अजय खेमरिया को राज्य का नया आयुक्त, दिव्यांगजन नियुक्त किया है। पदभार ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा, कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और समावेशी समाज की दिशा में काम करना उनकी प्राथमिकता होगी। यह नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए की गई है और आयुक्त का पद राज्य शासन के सचिव के समकक्ष रहेगा।
*नियुक्ति का कानूनी आधार और प्रक्रिया*
राज्य शासन ने यह नियुक्ति दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 और मध्यप्रदेश दिव्यांगजन अधिकार नियम, 2017 के अंतर्गत की है। प्रमुख सचिव डॉ. ई. रमेश कुमार के हस्ताक्षर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि यह नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा गठित सर्च कमेटी की 15 सितंबर 2025 को हुई बैठक की अनुशंसा के आधार पर की गई है।
राज्य शासन के अनुसार, आयुक्त को सचिव के समकक्ष सभी वेतन-भत्ते और सुविधाएं प्राप्त होंगी, जबकि सरकार को कार्यकाल पूर्ण होने से पहले भी पद से हटाने का अधिकार रहेगा।
*शिवपुरी से राजधानी तक की यात्रा*
शिवपुरी निवासी डॉ. अजय खेमरिया सामाजिक कार्यों में लंबे समय से सक्रिय हैं। वे मंगलम संस्था के संचालक हैं, जो दिव्यांगजनों के पुनर्वास और सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। वे पूर्व में बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, नागरिक सहकारी बैंक, और पीजी कॉलेज प्रबंधन समिति जैसी संस्थाओं में भी दायित्व निभा चुके हैं। उनके अनुभव और सामाजिक प्रतिबद्धता को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।

*विभाग को मिलेगी नई गति*
डॉ. खेमरिया की नियुक्ति से दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। वे न केवल नीतिगत निर्णयों में तेजी लाने पर फोकस करेंगे बल्कि प्रदेश भर में दिव्यांगजनों के हित में संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग और क्रियान्वयन को भी मजबूत बनाएंगे।
उनकी प्राथमिकता में शिकायत निवारण प्रणाली को सरल बनाना, शिक्षा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना, तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक दिव्यांगजन सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना शामिल है।

*समाज में समावेश की नई सोच*
पदभार ग्रहण के बाद डॉ. खेमरिया ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण केवल विभागीय जिम्मेदारी नहीं बल्कि समाज-समावेश का आंदोलन है। उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और नागरिकों से अपील की कि वे मिलकर दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करें।
इस नियुक्ति को राज्य में दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा और कल्याणकारी योजनाओं को गति देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। डॉ. अजय खेमरिया की सक्रियता और अनुभव से उम्मीद है कि आने वाले तीन वर्षों में मध्यप्रदेश दिव्यांग सशक्तिकरण का मॉडल राज्य बनकर उभरेगा।





