Dr. Bala Saraswati Suicide:GMC के स्त्री रोग विभाग की HOD डॉ अरुण कुमार को हटाया गया
भोपाल: राज्य शासन ने आज एक आदेश जारी कर प्राध्यापक स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल डॉ श्रीमती अरुणा कुमार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उन्हें अब चिकित्सा शिक्षा विभाग संचालनालय में पदस्थ किया गया है।
उन्हें आदेशित किया गया है कि वे आज 5 अगस्त को ही अपरान्ह पश्चात कार्य मुक्त होकर अपनी उपस्थिति आयुक्त चिकित्सा शिक्षा संचालनालय में सुनिश्चित करें।
पिछले पांच दिनों से चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है।जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण शुक्रवार को करीब 30 ऑपरेशन टालना पड़े हैं। शुक्रवार को हमीदिया में कुल 23 ऑपरेशन हुए। आमतौर पर यहां 50 से अधिक ऑपरेशन होते हैं। जनरल ओटी में 8, ईएनटी में 1, सर्जरी में 4, ऑर्थों में 3, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी में 2 सहित कुल 23 ऑपरेशन किए गए। इसके अलावा 1165 मरीज ओपीडी में पहुंचे। 73 मरीजों को भर्ती भी किया गया। आम दिनों में इसकी संख्या क्रमश: 200 और 250 होती है जूनियर डॉक्टर्स के काम पर लौटते ही गांधी मेडिकल कॉलेज की गायनिकोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. अरुणा कुमार हटा दिया गया। शासन ने उन्हें डीएमई अटैच किया। इसका आदेश भी जारी हो गया है।
बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस में जूनियर डॉक्टर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. अरुणा कुमार को हटाने की मांग कर रहे थे। इसी मांग को लेकर हड़ताल भी की। शनिवार को प्रोफेसर अरुणा कुमार का पुतला भी दहन किया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के साथ चर्चा की। उन्होंने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया, जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की।
जूडा अध्यक्ष संकेत सीते ने बताया कि शनिवार दोपहर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मिले, उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह उनकी मांगों को सकारात्मक तरीके से पूरा करेंगे। इसलिए यह हड़ताल खत्म की जा रही है।
अब मेडिकल कॉलेजों में विभागाध्यक्षों का कार्यकाल अधिकतम 2 साल रहेगा
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में विभागों के हेड को लेकर निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत सीनियर प्रोफेसर को विभाग का अध्यक्ष बनाया जाएगा। जिसका कार्यकाल अधिकतम 2 साल का होगा।
जूडा की इस हड़ताल को करीब सात स्टेट के जूनियर डॉक्टर्स ने भी सपोर्ट किया था। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हमें तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और बिहार से भी जूनियर डॉक्टर्स सपोर्ट कर रहे हैं। अमृतसर मेडिकल कॉलेज में कैंडल मार्च निकाला गया है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (GMC) भोपाल के अध्यक्ष डॉ. संकेत सीते ने बताया कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी।
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेजमें जूनियर डॉक्टर की हड़ताल में डॉ. बाला सरस्वती की बड़ी बहन, मां और पिता भी शामिल हुए।
रविवार को गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की जूनियर डॉक्टर डॉ. बाला सरस्वती ने सुसाइड कर लिया था। 5 दिन से GMC में साथी जूनियर डॉक्टर हड़ताल कर रहे थे। भोपाल GMC में डॉ. बाला सरस्वती के मां-पापा और बड़ी बहन भी हड़ताल में शामिल हुए।
डॉ. बाला सरस्वती की मां सुजाता राव ने काह, हम सिर्फ न्याय चाहते हैं। डॉ. अरुणा कुमार को यहां से हटाया जाए, ताकि किसी दूसरी बच्ची के साथ ऐसा न हो। नंदिनी, पल्लवी, अपूर्वा, रेखा ने भी बेटी को टॉर्चर किया। शाहजहांनाबाद पुलिस स्टेशन में कंप्लेन की है।
बड़ी बहन लक्ष्मी ने कहा, हफ्ते में तीन बार 36 घंटे ड्यूटी कराते थे। बहन को इसमें काई मुश्किल नहीं थी। खुशी से काम करती थी। लेकिन, उसे इसके बाद भी बोला जाता था कि डॉक्टर बनने के लायक नहीं हो। प्रेग्नेंट इसलिए हो गई, क्योंकि कामचोर बनना है। पिता वेंकटेश्वर राव ने कहा, यह सिर्फ हमारी नहीं, सारी बेटियों का सवाल है। भोपाल GMC में जूडा 5 दिन से हड़ताल कर रहे थे। शनिवार को बाला जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए ब्लड डोनेट भी किया।
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