डॉ.मोहन बैरागी को भूटान में मिला साहित्य सम्मान

21वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में भूटान और भारत के साहित्यकारों ने की सहभागिता

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डॉ.मोहन बैरागी को भूटान में मिला साहित्य सम्मान

 

उज्जैन। 21 वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी में डॉ.मोहन बैरागी को साहित्य के क्षेत्र में अवदान हेतु नारायण लाल परमार स्मृति सम्मान 2023 ने नवाजा गया।

भूटान के पारो शहर में मेटा रिजॉर्ट के सभागार में भूटान के धर्म गुरु श्री ताशी तथा भूटान सरकार में उच्च सदन के पूर्व स्पीकर के मुख्य आतिथ्य में यह सम्मान दिया गया।

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सम्मान प्राप्त करते हुए डॉ.मोहन बैरागी ने कहा की साहित्य ही है जो दो अलग अलग संस्कृतियों को एक साथ जोड़ सकता है। कोई भी लेखक या कवि अपने शब्दो के माध्यम से समाज में व्याप्त विसंगतियों से रु ब रू करवाता है और हर व्यक्ति की चेतना को जाग्रत करता है। भूटान दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में इसलिए शामिल है क्योंकि इस देश का नागरिक अपनी संस्कृति को आत्मसात करते हुए जीवन यापन करता है। एक साहित्यकार ही होता है जो प्रकृति, परिवेश और संस्कृति का विश्लेषण सुंदर ढंग से अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के सामने रखता है।

उल्लेखनीय है कि भारत के सात राज्यों के साहित्यकारों ने इस सम्मेलन में सहभागिता की जिसमें मध्य प्रदेश से एकमात्र डॉ.मोहन बैरागी को इस सम्मान के लिए चुना गया। इस अवसर पर भूटान की संस्कृति, बौद्ध धर्म पर धर्मगुरु ने अपना व्याख्यान भी दिया। आपने कहा की भूटान और भारत की संस्कृति में काफी समानता है। सम्मेलन में दिल्ली साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव श्री हरि सुमन बिष्ट, उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग की पूर्व सचिव श्रीमती सविता मोहन, उत्तर प्रदेश की पूर्व विधायक श्रीमती उर्मिला राजपूत, डॉ.रामकृष्ण राजपूत छत्तीसगढ़ की जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांति सोनवानी, छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. जयप्रकाश मानस, उड़ीसा की वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती नमृता चड्ढा, डॉ. जवाहर सिंह गंगवार सहित भारत और भूटान के साहित्यकार तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।