

Drinking Water Facilities at Railway Station Collapse : रेलवे स्टेशन और कॉलोनी में पानी की व्यवस्था टेंकर के भरोसे, आपूर्ति नाकाफी साबित!
झाबुआ से राजेश सोनी की रिपोर्ट
Jhabua : रतलाम दाहोद रेल खंड के प्रमुख रेल स्टेशन बामनिया पर यात्रियों को पेयजल के लिए परेशान देखा जा रहा हैं। जलस्त्रोत में पानी की कमी हो जाने से यहां टेंकर के भरोसे काम चलाया जा रहा हैं जिससे स्टेशन और कॉलोनी दोनों स्थानों पर पानी सीमित मात्रा में ही मिल पा रहा है, दिनभर में कितने टेंकरो के जरिए यहां पानी की आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा हैं। इसकी जानकारी किसी भी अधिकारी को नहीं हैं।
बता दें कि दोनों प्लेटफॉर्म पर प्याऊ बनी हुई हैं, लेकिन अक्सर इन प्याऊ के नलों में पानी नियमित नहीं मिलने की वजह से रुकने वाली ट्रेन के यात्रियों को गिरते-पड़ते और इधर-उधर भटकते हुए देखा जा सकता हैं। स्टेशन के दूसरे छोर से ट्यूबवेल के जरिए टंकी भरकर सप्लाई किया जाता है। इसके पूर्व टंकी भरे जाने का अनियमित क्रम एवं पाइप लाइन में तकनीकी त्रुटि होने के कारण यहां अक्सर पानी की समस्या बनी रही हैं।
ये है समस्या-
बामनिया रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 1 एवं 2 पर प्याऊ स्थित है। किंतु प्रमुख रूप से प्लेटफॉर्म 1 पर स्थित प्याऊ के माध्यम से ही आम यात्रियों द्वारा पेयजल सुविधा का लाभ लिया जाता रहा है। प्लेटफॉर्म 2 पर भी एक प्याऊ एवं 2 स्थानों पर वाटर स्टैंड नल लगे हुए हैं। इन सभी स्थानों पर पानी की सप्लाई स्टेशन के दूसरे छोर पर स्थित विद्युत संधारण केंद्र परिसर में बने वाटर बाक्स के माध्यम से होती है। यहां स्थित पानी की टंकी भरी जाती है और उसके जरिए पहले प्लेटफॉर्म 2 एवं उसके बाद प्लेटफॉर्म 1 तक पानी पहुंचता है। टंकी भरे जाने का अनियमित क्रम यहां पेयजल संकट पैदा कर देता है। स्टेशन के दूसरे छोर से प्याऊ और वाटर स्टैंड तक पानी के लिए बिछी हुई पाइप लाइन के नवीनीकरण नहीं होने से पानी की समस्या आती रहती हैं!
अभी है ये हाल!
वर्तमान में यहां के जलस्त्रोत में पानी नहीं होने से वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पानी के टैंकर से टंकी भरी जा रही है जिसके बाद वहां टंकी भरने के बाद पहले प्लेटफॉर्म 2 पर पहुंचता है और उसके बाद प्लेटफॉर्म 1 पर आता है, किन्तु पानी की कमी से यहां तक पानी नहीं पहुंच पाता है जिससे मुख्य प्लेटफॉर्म 1 पर ही प्याऊ में अक्सर पानी नहीं होता है, सुबह से रात तक यहां ठहराव वाली ट्रेनों में गतंव्य तक सफर करने वाले यात्रियों को इसका नियमित लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। रेल्वे कॉलोनी में पानी की व्यवस्था टेंकर के भरोसे ही चल रही हैं। कॉलोनीवासियों को भी सीमित रूप में पानी मिल पा रहा हैं!
नवीन प्याऊ बने!
अजय सिंह सिसौदिया, विकास चोपडा, जीतू वैरागी आदि का कहना है कि बामनिया रेल स्टेशन का मुख्य प्लेटफॉर्म नंबर 1 हैं जहां मुख्य प्लेटफॉर्म पर एकमात्र प्याऊ हैं। जो कि इस लम्बे प्लेटफार्म पर यात्रियों के लिए नाकाफी साबित हो रही हैं क्योंकि जब यहां ठहराव वाली ट्रेनें आती है तो आगे ओर पीछे की और कोच वाले यात्रियों के लिए कम समय में प्याऊ तक पहुंचना असंभव हो जाता है। जबकि रतलाम से ट्रेन चलने के बाद एकमात्र बामनिया ही प्रमुख रेल स्टेशन है। यहां इस प्लेटफॉर्म पर 1 नवीन प्याऊ आरंभ किया जाना अत्यंत आवश्यक हैं।
इस समय होती है परेशानी!
व्यवसायी कमल लुणावत, सुनिल पटवा, सुभाष मांडोत आदि ने बताया कि बामनिया स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों में मुख्य रूप से दाहोद-उज्जैन-दाहोद मेमू, हरिद्वार-बांद्रा-हरिद्वार, देहरादून एक्सप्रेस, बड़ौदा-कोटा-बड़ौदा पार्सल रेलगाडियों के दोनों और के समय में यात्रियों को पेयजल के लिए मशक्कत करना पड़ती है। शाम करीब साढ़े 7 बजे कोटा से बड़ौदा की और जाने वाली पार्सल ट्रेन के आगमन के समय भी यात्रियों को पानी के लिए दौड़-भाग करते देखा जा सकता हैं।
कोई संकेतक नहीं!
व्यवसायी हेमंत चोपडा, विमल मुथा ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर पेयजल की व्यवस्था एकमात्र स्थान पर पुराने प्याऊ के रूप में है। जो प्लेटफॉर्म के मध्य में स्थित है। ऐसी स्थिति में लंबी रेलगाडियों में आगे या पीछे सफर कर रहें यात्रियों के लिए कम समय में प्याऊ ढूंढना असंभव साबित होता है। प्याऊ का कोई संकेतक भी यहां नहीं लगाया गया हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी!
पहले स्टेशन पर पानी की सप्लॉय को लेकर प्रभार स्टेशन अधीक्षक के पास रहता था, व्यवस्था सुचारू चलाने का प्रयास किया जाता रहा। किन्तु वर्तमान में इस मामले का प्रभार मेरे पास नहीं हैं। वर्तमान में आपूर्ति के मान से नाकाफी व्यवस्था हो रही हैं।
शिव सिंह मीना, स्टेशन अधीक्षक, बामनिया!