Drinking Water Problem: MP के 26 नगरों में पेयजल संकट की आहट, MPUDC ने जल संसाधन से मांगी मदद

दो अलग-अलग चरण में इन शहरों में पीने के लिए पानी की व्यवस्था की प्लानिंग

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Drinking Water Problem: MP के 26 नगरों में पेयजल संकट की आहट, MPUDC ने जल संसाधन से मांगी मदद

भोपाल: प्रदेश के 26 नगरीय निकायों में आने वाले सालों में बढ़ती आबादी के चलते गंभीर पेयजल संकट की संभावना है। इसे देखते हुए मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन ने इन नगरीय निकायों में जल संसाधन विभाग के जलाशयों, बांधों, परियोजनाओं के जरिये जलापूर्ति की तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर दोनों ही विभागों के बीच एक दौर की बैठक होने के बाद अब दो चरणों में पानी की व्यवस्था करने की प्लानिंग पर जोर दिया जा रहा है। जो 26 निकाय चिन्हित किए गए हैं, उनमें शहरी आबादी को अभी नलकूप और नदियों पर बने एनीकट के जरिये पानी दिया जा रहा है पर इस व्यवस्था से अब पेयजल सप्लाई प्रभावित होने लगी है। इनमें से बीस शहरों के पास फिलहाल जल संकट से राहत के लिए कोई प्लानिंग नहीं है। इसलिए नए पेयजल स्त्रोत की तलाश एमपी अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन ने शुरू कर दी है।

पहले फेज में इन नगरों पर फोकस

एमपी अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में जिन नगरीय निकायों को शामिल किया गया है, उसमें सीहोर जिले के कोठरी में नलकूप से पेयजल सप्लाई हो रहा है तो बैतूल जिले के आमला में बैल नदी पर बने एनीकट से वाटर सप्लाई हो रही है। नर्मदापुरम के बनखेड़ी में नलकूप और बड़वानी के पानसेमल में गोमई नदी पर बने एनीकट से जल आपूर्ति की जा रही है। झाबुआ के मेघनगर में अनास नदी और भिंड के मिहोना में पहुज नदी पर बने एनीकट से नगरीय क्षेत्र में जलापूर्ति की जा रही है। भिंड जिले में ही फूफकला, मेहगांव, गोरमी और भिंड नगर के लिए नलकूप ही पेयजल व्यवस्था का सहारा हैं। वहीं अशोकनगर के ईसागढ़ में भी नलकूप से पानी दिया जा रहा है। सागर जिले के राहत गढ़ के लिए बीना नदी पर बने एनीकट से पानी दिया जा रहा है और 35 एमसीएम पानी मड़िया डैम से प्रस्तावित है। छतरपुर के बक्सवाहा ने चूड़ी नदी बांध सेपानी दिया जा रहा है जो बंडा परियोजना से प्रस्तावितहै। रीवा जिले के मऊगंज नगर में निहाई नदी और ओड्डा नाला के पानी से पेयजल आपूर्ति की जानी है। वहीं अनूपपुर के जैतहरी में तिपान नदी से पीने के लिए जल लिया जा रहा है।

*दूसरे फेज में ये शहर शामिल* 

दूसरे चरण में जिन शहरों को शामिल किया गया है उसमें सीहोर जिले के जावर में कान्याखेड़ी बांध से लिए जा रहे पानी को लेकर चल रही योजना दो साल में पूरी होने की संभावना है। रतलाम जिले के धामनोद में जग्मार नदी पर बने एनीकट से पानी दे रहे हैं और मचुन तालाब परियोजना से पानी दिया जा सकता है। ग्वालियर जिले के आंतरी में नलकूप, मुरैना के कैलारस में कुंवारी नदी पर बने एनीकट, झुंडपुरा में नलकूप और भिंड के अकोड़ा नगर में नलकूप से ही पेयजल दिया जा रहा है। छिंदवाड़ा जिले के चांद में कुलबेहरा नदी, बालाघाट के मलाजखंड में बंजर नदी, बैहर में तन्नौर नदी, मंडला के बहनी बाजार में बंजर नदी पर बने एनीकट और निवास के मझगवां बांध से पानी दिया जा रहा है। छतरपुर जिले के बारीगढ़ में केल नदी, चंदला में केन नदी पर बने एनीकट, घुवारा में धसान नदी, बड़ामलहरा के कैथान नदी, टीकमगढ़ के बड़ागांव में धसान नदी, रीवा के मनगंवा में महाना नदी और अनूपपुर के पसान नगर परिषद क्षेत्र में केवई नदी पर बने एनीकट के माध्यम से पानी दिया जा रहा है।