
चलती बस में ड्राइवर की हार्ट अटैक से मौत:बोनट पर बैठे-बैठे बस चला रहे क्लीनर पर गिरा,मरने से पहले हो गया था अंदेशा!
दरअसल एक वीडियो सामने आया जिसमें चालक की चलती बस में मौत हो गई लेकिन उनकी सूझबूझ और सहयोगी की तत्परता ने यात्रियों की जान बचा ली।
पाली:राजस्थान के पाली जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जोधपुर-इंदौर मार्ग पर एक निजी ट्रैवेल्स बस के चालक की चलती बस में अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया, लेकिन चालक की सूझबूझ और सहयोगी की तत्परता ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, गुरूवार को बस जब केलवा राजनगर के पास पहुंची, तभी चालक सतीश की तबीयत अचानक खराब हो गई। सतीश ने तुरंत अपनी स्थिति सहयोगी चालक को बताई और बस चलाने की जिम्मेदारी उसे सौंप दी। इस समझदारी भरे कदम ने यात्रियों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चलती बस में अचानक बेहोश हुआ चालक
सतीश की हालत बिगड़ने पर बस का स्टाफ उन्हें प्राथमिक उपचार देने के लिए गोमती चौराहा पर रुका, लेकिन वहां सभी मेडिकल सुविधाएं बंद मिलीं। मजबूरी में बस को देसूरी की ओर बढ़ाया गया, लेकिन गोमती चौराहा पार करते ही सतीश की हालत और गंभीर हो गई। देसूरी नाल घाट के पास सतीश अचानक बेहोश होकर चलती बस में सहयोगी चालक पर गिर पड़े। सहयोगी चालक ने तुरंत बस को नियंत्रित किया और सतीश को देसूरी अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सतीश को मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही सतीश के परिजन और स्थानीय पुलिस अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। इस दुखद घटना ने देसूरी के ग्रामीणों को गहरे सदमे में डाल दिया। स्थानीय लोगों ने सतीश के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई।
सूझबूझ ने बचाई कई जिंदगियां
सबसे खास बात यह रही कि सतीश ने अपनी तबीयत खराब होने की जानकारी समय रहते सहयोगी चालक को दे दी। अगर वह बस चलाते रहते, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। उनकी इस सूझबूझ ने न केवल यात्रियों की जान बचाई, बल्कि उनके सहयोगी की त्वरित कार्रवाई ने स्थिति को और नियंत्रित किया।





