
Kanpur में DSP Rishikant Shukla के पास 100 करोड़ की संपत्ति का खुलासा: वकील अखिलेश दुबे से गहरे संबंध उजागर
Kanpur में लंबे समय तक तैनात रहे डिप्टी एसपी Rishikant Shukla पर गंभीर आरोपों की परतें खुलने लगी हैं। SIT जांच में खुलासा हुआ है कि शुक्ला के पास कथित रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जो उनकी आधिकारिक आय से कहीं अधिक है। जांच में यह भी सामने आया है कि शुक्ला के वकील अखिलेश दुबे से गहरे संबंध थे, जिनकी मदद से यह संपत्ति अर्जित की गई मानी जा रही है।
Kanpur: पुलिस विभाग की कार्यशैली और ईमानदारी पर सवाल उठाने वाला एक बड़ा मामला सामने आया है। कानपुर में तैनात रहे पुलिस अधिकारी डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला के खिलाफ एसआईटी (Special Investigation Team) की जांच में लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है। इनमें कई संपत्तियां उनके परिवारजनों और करीबी सहयोगियों के नाम पर दर्ज बताई जा रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी ने जब शुक्ला के बैंक खातों, जमीन-जायदाद और दस्तावेजों की जांच की तो कई बेनामी लेनदेन और फर्जी निवेश के साक्ष्य मिले। जांच टीम ने करीब 12 प्रमुख संपत्तियों की मार्केट वैल्यू का आकलन किया, जो 92 करोड़ से अधिक पाई गई। इसके अलावा कुछ संपत्तियों के कागजात अधूरे हैं, जिनकी जांच अभी जारी है।
अखिलेश दुबे से गहरे संबंध
एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि ऋषिकांत शुक्ला की नजदीकी कानपुर के चर्चित और विवादित वकील अखिलेश दुबे से थी। बताया जा रहा है कि दुबे की फर्मों और शेल कंपनियों के माध्यम से कई सौदों में शुक्ला का नाम अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा पाया गया है। जांच एजेंसी को संदेह है कि दुबे के जरिए ही शुक्ला ने अपनी अवैध कमाई को जमीन और व्यवसायों में निवेश किया।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ संपत्तियां शुक्ला के परिजनों के नाम पर खरीदी गईं, जबकि धन के स्रोत उनके व्यक्तिगत खातों से जुड़े थे। कई रियल एस्टेट डील में नकद लेनदेन और बिचौलियों की भूमिका भी उजागर हुई है।
प्रशासनिक कार्रवाई शुरू
एसआईटी रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। फिलहाल ऋषिकांत शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। विजिलेंस को निर्देश दिया गया है कि वह संपत्ति के स्रोत, फर्जी खातों और बेनामी लेनदेन की पूरी जांच करे। यदि साक्ष्य पर्याप्त मिले तो संपत्ति जब्ती और आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई की जा सकती है।
जन प्रतिक्रिया और पुलिस विभाग की साख पर असर
कानपुर में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। आम लोगों से लेकर पुलिस महकमे के भीतर तक इस खुलासे ने हलचल मचा दी है। नागरिक संगठनों और स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन से पारदर्शी कार्रवाई की मांग की है। कुछ ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से शुक्ला पर प्रभावशाली लोगों से सांठगांठ कर अनुचित लाभ लेने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब जाकर ठोस कार्रवाई की शुरुआत हुई है।
आगे की जांच
विजिलेंस विभाग आने वाले दिनों में शुक्ला और उनके परिवार से जुड़े वित्तीय रिकॉर्ड, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और फर्मों के दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच करेगा। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस कथित अवैध संपत्ति में अन्य अफसरों या प्रभावशाली लोगों की भूमिका तो नहीं रही। अधिकारियों ने कहा है कि यदि रिश्वत, वसूली या गलत निवेश के साक्ष्य मिलते हैं तो संबंधित धाराओं के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
एसआईटी रिपोर्ट के बाद कानपुर पुलिस और प्रशासनिक हलकों में यह मामला बड़ा झटका साबित हुआ है। यह सिर्फ एक अधिकारी पर कार्रवाई नहीं, बल्कि व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल भी है। अब नजर विजिलेंस की आगामी रिपोर्ट पर है, जो तय करेगी कि 100 करोड़ की यह कथित संपत्ति किस हद तक वैध या अवैध थी और इसके पीछे कितने और नाम छिपे हैं।




