बैच अलॉटमेंट के चलते आईपीएस अफसरों में बढ़ सकता है आपसी विवाद

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बैच अलॉटमेंट के चलते आईपीएस अफसरों में बढ़ सकता है आपसी विवाद

भोपाल : राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड हुए कुछ अफसरों के बीच विवाद की स्थिति बन सकती है। दरअसल करीब डेढ़ दर्जन अफसरों को लगता है कि उनके साथ बैच अलॉटमेंट में न्याय नहीं हुआ। इसके चलते कुछ अफसर इस मामले में भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी लड़ाई लड़ सकते हैं।

यह है विवाद होने का कारण

जानकारी के अनुसार 1995 बैच के एसपीएस के तीन अफसर ऐसे हैं, जिनकी सर्विस लेंथ बैच के अन्य अफसरों से कम है। इनमें से दो अफसरों ने 1996 में सर्विस ज्वाइन की, जबकि एक अफसर ने वर्ष 2003 में सर्विस ज्वाइन की थी। जबकि बाकी के अफसरों ने वर्ष 1995 में सर्विस ज्चाइन की थी। अब जब ये सभी आईपीएस बन गए तो बैच भी आवंटित हुए। इनमें से दो अफसरों को वर्ष 2012 का बैच दिया गया है। अब इन दोनों अफसरों के नीचे वे 15 अफसर आ गए जिनकी सर्विस इन दोनों अफसरों से ज्यादा की हो चुकी, लेकिन बैच अलॉटमेंट के मामलें में इनमें पीछे या क्रम में इनके नीचे हो गए। ये दोनों ही अफसर जिलों में एसपी हैं। दोनों ही ग्वालियर-चंबल तरफ पदस्थ हैं। वहीं राज्य पुलिस सेवा के 1995 बैच के एक अन्य अफसर आईपीएस तो हो गए, लेकिन अभी वे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर ही पदस्थ हैं। इन्होंने अपनी सर्विस 2003 में ज्वाइन की थी। अब इनको वर्ष 2013 का बैच अलार्ट हो सकता है।

ये हो गए नीचे और पीछे

वर्ष 1995 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों ने दो जनवरी 1995 को अपनी नौकरी ज्वाइन की थी। इनें से जिन्हें वर्ष 2018 की बैकेंसी के बदलें में आईपीएस अवार्ड हुआ उनकी सर्विस उस वक्त उनकी 23-24 साल की नौकरी हो चुकी थी, जबकि जिन अफसरों ने 1996 में जिन्होंने सर्विस ज्चाइन की उनकी नौकरी को 22 साल ही हुए थे। ऐसे में अब इन दो अफसरों के नीचे पहुंचे करीब 15 आईपीएस अफसर भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिय होने का मन बना रहे हैं।