कलेक्टरों की लापरवाही से नहीं हो पा रहा योग्य उम्मीदवारों का चयन कार्यप्रणाली में सुधार की हिदायत

कबीर, शंकराचार्य, गुुरुनानक, गौतम बुद्ध, रहीम पुरस्कार का मामला

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Finance Department Issued Orders

कलेक्टरों की लापरवाही से नहीं हो पा रहा योग्य उम्मीदवारों का चयन कार्यप्रणाली में सुधार की हिदायत

भोपाल: युवाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरु किए गए कबीर, शंकराचाय, गुरुनानक, गौतमबुद्ध, रहीम राज्य सम्मान पुरस्कारों के लिए जिलों से प्रस्ताव भेजते समय कलेक्टर लापरवाही कर रहे है। राज्य शासन के निर्देशों पर ध्यान दिए बिना और नियमानुसार औपचारिकता पूर्ण किए बिना ही अपूर्ण प्रस्ताव भेजे जा रहे है। इसके चलते योग्य व्यक्तियों का चयन नहीं हो पा रहा है। जीएडी के एसीएस ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। सभी कलेक्टरों को हिदायत दी गई है कि पुरस्कार के लिए आवेदन भेजते समय सभी नियम, प्रक्रिया और औपचारिकताओं का पालन किया जाए।

सामान्य प्रशासन विभाग ने एक जनवरी से 31 दिसंबर 2022 तक की अवधि में प्रदेश के युवाओं द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए जिलों से आवेदन बुलाए है। ये आवेदन 22 मई तक भेजे जाने है। इसके साथ ही कलेक्टरों को आवेदनो को भेजते समय नियम-प्रक्रियाओं के पालन के लिए सचेत किया गया है। अक्सर कलेक्टरों द्वारा आवेदन भेजते समय यह जानकारी नहीं दी जाती है कि कितने आवेदन समयावधि में प्राप्त हुए और कितने देरी से प्राप्त हुए। जिला स्तर पर प्राप्त होंने वाले आवेदन पत्रों पर नियमानुसार औपचारिकताएं पूर्ण नहीं की जाती, जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित किए बिना ही अपूर्ण प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिए जाते है। आवेदकों के कार्यो का जिला स्तर पर पुरस्कार नियमों के तहत समुचित सत्यापन नहीं होंने से उपयुक्त व्यक्तियों का चयन नहीं हो पा रहा है। इसलिए सभी को शासन के निर्देशों का पूर्णत: पालन करने के लिए कहा गया है।

आवेदन भेजते समय यह कार्यवाही करना जरुरी-
पुरस्कार नियम के तहत 22 मई 2023 तक प्राप्त हुए आवेदन पत्रों को रजिस्टर में तिथिवार दर्ज करते हुए प्राप्त होेंने की दिनांक अंकित की जाए। इस अवधि के बाद मिले आवेदन पत्रों को अस्वीकार किया जाए। आवेदन पत्रों की जांच के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में चार व्यक्तियों की एक जिला स्तरीय समिति गठित की जाए जिसमें जिले के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और न्यायविदों को रखाा जाए। जिस जिले में विश्वविद्यालय का मुख्यालय है वहां उस विश्वविद्यालय के कुलपति को भी समिति में रखा जाए। विचार के लिए योग्य पाए गए आवेदन पत्रों में दर्शाई गई घटनाओं, कार्यो की जांच कराई जाए। आवेदक को पुरस्कार की पात्रता के विचार के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक में जांच रिपोर्ट, प्रतिवेदन विचारार्थ रखे जाकर जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा प्राप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह कार्यवाही पूरी होंने के बाद नियम में प्रावधानित जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा, निर्धारित प्रपत्र में एक मूल आवेदन पत्र, जांच रिपोर्ट, प्रतिवेदन, जिला स्तरीय समिति की बैठक के कार्यवाही विवरण के साथ आवश्यक प्रस्ताव, स्पष्ट अभिमत सहित 12 जुलाई 2023 तक अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन मंत्रालय भोपाल को अनिवार्य रुप से भेजने की व्यवस्था की जाए। प्रस्ताव भेजने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि जिन नामों का प्रस्ताव, अनुशंसा करे उनकी प्रतिभा कार्यो की पहचान कम से कम जिले स्तर पर होना चाहिए।विलंब तथा अपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होंने की स्थिति में यदि कोई आवेदक पुरस्कार के लिए वंचित रह जाता है तो इसका उत्तरदायित्व जिला कार्यालय का होगा।