अफसरों की लापरवाही से सड़ गया अरबों रुपए का 1.18 लाख क्विंटल गेहूं-चावल, मोटा अनाज, अब बेचने में आ रहा पसीना

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अफसरों की लापरवाही से सड़ गया अरबों रुपए का 1.18 लाख क्विंटल गेहूं-चावल, मोटा अनाज, अब बेचने में आ रहा पसीना

भोपाल. प्रदेश सरकार के मंत्री अपने विभागीय कामकाज को लेकर कितने गंभीर और जागरुक है एवं विभागीय अधिकारी अपने मंत्री को विभागीय गतिविधियों मेंं कितना शामिल कर रहे है इसकी एक बानगी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में देखने को मिली । प्रदेश के सरकारी और निजी गोदामों में सरकार के द्वारा जनता के लिए खरीदा गया एक लाख 18 हजार 741 क्विंटल गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा और मक्का नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की उदासीनता के चलते सड़ गया। जिसकी कीमत अरबों रुपए में है।

बिना मंत्री को बताए अब इस सड़े हुए अनाज को बाले-बाले औने-पौने दामों पर बेचने के लिए टेंडर किए गए है। खास बात यह है कि जब विभागीय मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से इस बारे में बात हुई तो उन्होंने पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर की।

मध्यप्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम, भंडार गृह निगम के अफसरों-कर्मचारियों की लापरवाही और निजी ठेकेदारों की सांठ गांठ से किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया अरबों रुपए का एक लाख 18 हजार 741 क्विंटल अनाज भी अधिक गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का गोदामों में रखा-रखा सड़ गया है। हालत यह है कि यह अनाज अब मनुष्यों और जानवरों के खाने लायक तक नहीं बचा है। इस खराब हो चुके अनाज में वर्ष 2015-16 से लेकर 2022-23 तक का अनाज शामिल है।

राज्य सरकार अब इसे औद्योगिक उपयोग करने वाले उद्योगपतियों को औने-पौने पर बेचना चाहती है लेकिन बार-बार टेंडर होंने के बाद भी नागरिक आपूर्ति निगम इसे नहीं बेच पा रहा है। जिम्मेदारों ने इस पर मौन साध लिया है।

इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी पीएन यादव और महाप्रबंधक शिखा नरवाल से जब इसकी जानकारी लेने के लिए कई बार मोबाइल लगाया गया तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किए। वहीं विभागीय मंत्री से कई प्रयासों के बाद जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि नागरिक आपूर्ति निगम ने जो अनाज खरीदा है और गोदामों में खराब हो चुका है इसे बेचने की कोई जानकारी उनके पास नही है। विभाग के अधिकारियों ने खराब अनाज के टेंडर करने की कोई फाइल उनके पास भेजी ही नहीं। जबकि विभागीय मंत्री ही इस समय निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे है।

प्रदेश में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2023-24 तक किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया यह अनाज सड़ चुका है और निगम इसके लिए कई बार टेंडर जारी कर चुका है लेकिन अब तक यह सड़ा अनाज बेच नहीं पाया है।अब निगम ने 26 नवंबर तक इस सड़े हुए अनाज को बेचने के लिए टेंडर आमंत्रित किए है। इसमें 11 मार्च 2024, 13 मार्च 2024 के नहीं बिक पाए अनाज, 22 अगस्त 2028 के निरस्त लाट के अनाज को फिर से बेचने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक प्रताप नारायण यादव ने टेंडर जारी किए है। इस संबंध में एमडी यादव और महाप्रबंधक शिखा नरवाल से उनके मोबाइल पर कई बार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया।

यहां रखा है सड़ा हुआ अनाज-

नागरिक आपूर्ति निगम जो सड़ा हुआ अनाज बेचना चाहता है वह प्रदेश भर के 170 गोदामों में अलग-अलग स्थानों पर रखा हुआ है।

गेहूं यहां मौजूद-

शहडोल, रीवा,श्योपुर, शिवपुरी, बड़वानी, उज्जैन, हरदा, विदिशा, छतरपुर,नर्मदापुरम, श्योपुर, सागर, टीकमगढ़, अनूपपुर, सीहोर, भोपाल, सीहोर,रीवा, रायसेन,नरसिंहपुर,

ज्वार यहां मौजूद-

मुरैना, भिंड, अशोकनगर,दमोह, विदिशा, पन्ना,

बाजरा यहां-

राजगढ़,रायसेन,

चावल यहां-

भोपाल, मुरैना, रायसेन, नसिंहपुर।