चुनाव आयोग आचार संहिता की पाबंदियों से सराफा कारोबार पर लगा विराम, प्रतिदिन 7-8 करोड़ रुपए टर्नओवर का फटका!
सराफा बाजार की हर दुकानों पर मतदान बहिष्कार के लगे बैनर!
रतलाम से रमेश सोनी की खास रिपोर्ट
Ratlam : देशभर में अपनी ज्वेलरी और शुद्धता की साख का परिचायक बने रतलाम के कारोबारियों पर बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
संकट का असर ना सिर्फ कारोबारियों पर पड़ा वरन् उन ज्वेलरी खरीददारों पर भी पड़ा जिनके घरों में अगले माह शादी है और उनकी जेब में रुपए होने के बावजूद भी वह ज्वैलरी खरीदने के लिए रतलाम नहीं आ सक रहे है या फिर आर्डर को निरस्त कर रहे हैं।
स्थानीय ग्राहकों के सामने भी आचार संहिता की तलवार लटक रही है वह भी अपने घरों से नकद राशि लेकर निकलने में हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि चुनाव आयोग ने 50 हजार रुपए से अधिक नकद राशि के परिवहन पर पाबंदी की लगाम लगा रखी है और कोई पकड़ में आ गया तो नकद राशि जप्त।
ऐसे में बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ हैं।व्यापारी परेशान हैं। इस समय सराफा बाजार में ज्वैलर्स पर ग्राहकों को पैर रखने की जगह नहीं मिलती है वहां आज के समय में सन्नाटा पसरा हुआ है, इस पाबंदी ने ग्राहकों के आने की आस में टकटकी लगाए बैठे कारोबारियों की नींद हराम कर दी है। इन सबकी वजह की हम बात करें तो बस एक ही बात सामने आ रही है कि चुनाव का समय उचित समय पर नहीं होना।
सराफा बाजार में सन्नाटे के पीछे बहुत से लोग परेशान हैं व्यापारी और ग्राहकों पर तो असर हो रहा है, असर उन छोटे छोटे व्यक्तियों पर भी पढ़ रहा है जो सराफा व्यवसाय से जुड़े हैं। जिनके घरों के चूल्हे दिन भर कार्य करने के बाद जलते है वह है सड़क बैठकर रिपेयरिंग, पॉलिश,मीनाकारी और बने हुए स्वर्ण आभूषणों में गठाई करने वाले पटवा, और अन्य ज्वेलरी निर्माण से जुड़े वह सब लोग भी काम की आस लगाए टकटकी लगाएं बैठे हैं।
आज सराफा बाजार की जो स्थिति दिखाई दे रही हैं वह वास्तव में बड़ी विकट हैं बाजार के 1-1 ज्वैलर्स पर एक बोर्ड दिखाई दे रहा है कि चुनाव में मतदान का बहिष्कार ….हम बात करें कि रतलाम का व्यवसायी वर्ग मतदान में भाग नहीं ले तो इसका सीधा असर भाजपा पर पड़ेगा और यह फैसला चुनाव में हार जीत के आंकड़े को प्रभावित कर सकता है।
चुनाव से व्यापारी परेशान, चुनाव से ग्राहक परेशान, चुनाव से बाजार के दलाल परेशान,चुनाव से स्वर्णकार परेशान,चुनाव से ज्वेलरी व्यवसाय से जुड़े अन्य लोग परेशान और इसी कारण बाजार सन्नाटे का शिकार हैं।
जानिए क्या कहते हैं सराफा कारोबारी
▫️ वरिष्ठ व्यवसाई, चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष कांतिलाल छाजेड़ कहते हैं कि हम विगत 50 वर्षों से व्यापार कर रहे हैं और चुनाव में ऐसी पाबंदी पहली बार देखने में आई हैं। चेकिंग के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा हैं और बिल पेश करने पर भी माल वापस नहीं किया जा रहा है।
▫️सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष झमक भरगट कहते हैं कि जिले में प्रवेश करने के सभी रास्तों पर चेकिंग के चलते ग्राहकों में भय बना हुआ है। 50 हजार रुपए से अधिक राशि रखने वालो पर निगाह रखी जा रही है ऐसे में ग्राहकों का आना ही नहीं हो रहा है।
▫️सराफा एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य कीर्ति बड़जात्या का कहना है कि चैकिंग के नाम पर व्यापारियों को निशाना बनाया जा रहा हैं और बिल पेश करने के बाद भी पकड़ा गया सोना चांदी छोड़ा नहीं जा रहा है और व्यापारी को परेशान किया जा रहा है।