इंडिया गठबन्धन का परिदृश्य स्पष्ट नही होने से कांग्रेस अपनी छोटी सूचियां निकालने को है मजबूर

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इंडिया गठबन्धन का परिदृश्य स्पष्ट नही होने से कांग्रेस अपनी छोटी सूचियां निकालने को है मजबूर

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंगलवार को पश्चिम राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोकरण में भारत शक्ति अभ्यास के सरकारी कार्यक्रम के दौरान हुई तेजस फाइटर जेट प्लेन दुर्घटना के साथ ही हरियाणा में हुए राजनीतिक उठापटक के अंतर्गत भाजपा के दो बार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदल कर वहां के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र के सांसद नायाब सिंह सैनी को नया मुख्यमंत्री बनाने जैसे घटनाक्रमों के मध्य कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 43 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। इसमें राजस्थान से भी दस लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों के नाम शामिल है। कांग्रेस द्वारा इससे पहले जारी की गई 39 उम्मीदवारों की पहली सूची में राजस्थान से एक भी नाम शामिल नही था। नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय में संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने इन 43 नामों की दूसरी सूची जारी की। इस सूची में मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, गुजरात, उत्तराखंड, दमन दीव आदि प्रदेशों के उम्मीदवारों की घोषणा की गई ।

कांग्रेस की दूसरी सूची में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों का नाम शामिल है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत की सीट को जोधपुर से बदल कर उन्हें राजस्थान की जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है। वहीं मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे वर्तमान सासंद नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से टिकट दिया गया है। इसी प्रकार असम में पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र सांसद गौरव गोगोई को जोरहाट से सीट से पुनः कांग्रेस उम्मीदवार बनाया गया है।

राजस्थान की अन्य लोकसभा सीटों पर बीकानेर से पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल एवं चूरू से हाल ही भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए सांसद राहुल कस्वां को टिकट दिया गया है। इसके अलावा झुंझुनूं से स्वर्गीय शीशराम ओला के पुत्र विधायक बृजेंद्र ओला को,भरतपुर से संजना जाटव, जोधपुर से करण सिंह उचियारडा, जालोर-सिरोही से वैभव गहलोत, चित्तौड़गढ़ से पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना, टोंक-सवाईमाधोपुर से पूर्व सांसद हरीश मीना को टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने इस बार भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के सामने नए चेहरों को उतारा है।

सोमवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में इन प्रत्याशियों के नामों पर सहमति बनी थी। इन 43 उम्‍मीदवारों में से 13 ओबीसी वर्ग से हैं वहीं, 10 प्रत्‍याक्षी एससी और 9 प्रत्‍याक्षी एसटी से हैं। कांग्रेस ने इस सूची में एक मुस्लिम चेहरे को भी मैदान में उतारा है। इससे पहले कांग्रेस ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपनी पहली सूची जारी की थी। इसमें केरल से राहुल गांधी और शशि थरूर सहित 39 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई थी। मंगलवार को जारी की गई सूची को मिला कर कांग्रेस ने अब तक अपने 82 उम्‍मीदवारों की घोषणा की हैं।

इंडिया गठबन्धन में शामिल दलों के साथ विभिन्न प्रदेशों में लोकसभा की सीटों पर समझौता होने का पूरा परिदृश्य स्पष्ट नही होने के कारण कांग्रेस अपनी छोटी छोटी सूचियां ही निकाल पा रही है। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक प्रकार से इंडिया गठबन्धन से अपना नाता तौड़ कर्वअकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला कर अपने इरादे जाहिर कर दिए है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार तथा अन्य राज्यों, उत्तर पूर्व और दक्षिण के प्रदेशों में भी इंडिया गठबंधन के मध्य सीटों के बटवारा का परिदृश्य पूरी तरह से साफ नही हुआ है। केरल के वायनाड में तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सामने ही इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार ही चुनाव लडने खड़ा हुआ है। ऐसे में अभी यह नही कहा जा सकता है कि इंडिया गठबंधन के भाजपा को पराजित करने के मंसूबे पूरी तरह से कामयाब होने वाले है।

अब लोकसभा आम चुनाव की तिथियां घोषित होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस बीच एक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का अनायास इस्तीफा होने के चर्चित घटना के कारण चुनाव आयोग में मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव कुमार के अलावा दो चुनाव आयुक्तों के स्थान रिक्त हो गए है और उन्हें भरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले एक दो दिनों में कोई कार्यवाही कर सकते है। लगता है कि चुनाव आयोग का यह कोरम पूरा होने के बाद ही इस सप्ताह के अंत में अथवा अगले सप्ताह तक लोकसभा आम चुनाव की तिथियां घोषित होने की संभावना है।

इधर लोकसभा चुनाव की घोषणा होने तक और आदर्श आचार संहिता लागू होने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और प्रदेश की विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण और आधारशिलाएं रखने के अभियान में जुटे हुए है। इसी कड़ी में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को राजस्थान के परमाणु परीक्षण स्थल पोकरण पहुंचे तथा उन्होंने भारतीय सेना के तीनों अंगों थल, जल और नभ का जबर्दस्त युद्धोभ्यास एवं पराक्रम को देखा। जैसलमेर का पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज वही जगह है जहां परमाणु परीक्षण कर भारत वैश्विक मंच पर ‘परमाणु संपन्न शक्ति’ के रूप में स्थापित हुआ था। इसके पहले पीएम मोदी मंगलवार की सुबह गुजरात में थे। गुजरात में मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम गए । जहां उन्होंने एक पौधा लगाया। वहीं, पीएम मोदी के विजन से अहमदाबाद स्थित बापू के कोचरब आश्रम को भी एक नया आकार मिला। इसके बाद पीएम मोदी राजस्थान के पोकरण पहुंचे और यहां देश की तीनों सेनाओं के अदम्य साहस को देखा और उसे सराहा। इस तरह पीएम मोदी ने एक ही दिन में पूरी दुनिया को भारत की ओर से ‘शांति’ से ‘शक्ति’ का संदेश दिया। विशेष कर पड़ोसी पाकिस्तान को उसके नापाक इरादों के लिए सावचेत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पोकरण में अपनी घोर विरोधी पार्टी कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर कई तंज भी कसे और सेना में कांग्रेस के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों की चर्चा की। साथ ही एन डी ए सरकार द्वारा लागू की गई एक रेंक एक पेंशन योजना और अन्य उपलब्धियों का जिक्र भी किया । मोदी ने बताया कि इससे अकेले राजस्थान के पौने दो लाख सैनिकों को 5000 करोड़ रु का लाभ मिला है। इस समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ,भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता गण और अन्य कई विशिष्ठ लोग मौजूद थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ऑपचारिक और अनौपचारिक कार्यक्रमों के माध्यम से इन दिनों अपनी पार्टी भाजपा और देश के नागरिकों में एक नया जोश भर रहे है। मोदी की राजस्थान यात्रा से भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भरा है। पीएम मोदी का उद्देश्य केंद्र में भाजपानीत एनडीए सरकार की हैट्रिक विजय के लक्ष्य को पाना और कांग्रेस सहित इंडिया गठबन्धन को चारों खाने चित करना है।

देखना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह तीर कितनी दूर तक अपने विरोधियों के किले को धाराशाई करने के लिए सटीक निशाने पर जाकर लगता है?