Dummy Candidate’s Petition Rejected : हाई कोर्ट में कांग्रेस के डमी कैंडिडेट की याचिका खारिज!
Indore : कांग्रेस की डमी (सब्स्टीट्यूट) कैंडिडेट मोतीसिंह पटेल को अधिकृत उम्मीदवार बनाने की याचिका हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि उनका फॉर्म तो नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी में ख़ारिज हो चुका है। इस पर आपत्ति है, तो अलग से चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं। कांग्रेस ने लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम के नामांकन पत्र वापस के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर डमी कैंडिडेट को अधिकृत उम्मीदवार बनाने की मांग की थी, जिसे हाई कोर्ट ने माना।
अक्षय बम की नाम वापसी के खिलाफ कांग्रेस के डमी उम्मीदवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आज ही तत्काल सुनवाई की अपील की थी। हाई कोर्ट ने इसे स्वीकार भी कर लिया और लंच के बाद इस पर सुनवाई हुई, लेकिन कांग्रेस नहीं मानी गई।
हाई कोर्ट में मोती सिंह पटेल का आवेदन निरस्त होने की वजह 10 प्रस्तावकों के दस्तखत नहीं होना है। जब आवेदन ही निरस्त हो गया तो उसे रिवाइज नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने कहा कि इसलिए आप दौड़ में नहीं हैं। नियम भी यही कहता है। आप इसके लिए अलग से चुनावी याचिका दायर कर सकते हैं। डमी कैंडिडेट का फॉर्म स्क्रूटनी के समय ही रिजेक्ट हो गया था। कारण कि उन्होंने दस प्रस्तावकों को नहीं रखा। यदि वे नियमानुसार प्रस्तावकों के नाम लिखते और नाम वापसी के दिन तक बने रहते तो उनको ये अधिकार मिल सकता था। कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया तो पीछे नहीं जा सकती।
मोती सिंह के वकील ने तर्क दिया कि कांग्रेस ने जो बी-फॉर्म जारी किया था, उसमें अधिकृत उम्मीदवार का नाम अक्षय बम था और उसी में सब्स्टीट्यूट कैंडिडेट में मेरा नाम था। फॉर्म-बी अक्षय की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश किया गया। इस कारण से मेरा फार्म निरस्त कर दिया गया। अब जब अक्षय नामांकन वापस ले चुके हैं, तो कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार के नाते तो चुनाव लड़ने का मेरा अधिकार उसके बाद शुरू होता है। बावजूद, मेरा फॉर्म मंजूर क्यों नहीं किया गया है।
मोती सिंह ने मांग की है कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित किया जाए। अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के बाद वे ही अधिकृत प्रत्याशी हैं। फॉर्म-बी में कांग्रेस की और से बताया गया है कि यदि अप्रूव कैंडिडेट नामांकन वापस ले लेता है या उसका फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है तो वैकल्पिक नाम को प्रत्याशी माना जाएगा। याचिका में इसी को आधार माना है।