DY Chandrachud: पिता के बाद उनके बेटे ने भी 50वें CJI की शपथ ली!

2018 में 'विवाहेतर संबंधों' को खारिज करने वाला उनका फैसला अनोखा रहा!

481

DY Chandrachud: पिता के बाद उनके बेटे ने भी 50वें CJI की शपथ ली!

New Delhi : देश के 50 वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने पद की शपथ ली। बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण कराई। उन्होंने CJI यूयू ललित की जगह ले ली। इससे पहले 6 नवंबर को CJI यूयू ललित को औपचारिक सेरेमोनियल बेंच गठित कर विदाई दी गई।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ देश के 16वें चीफ जस्टिस थे। वे 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक रहे। यह किसी CJI का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का भी अनोखा उदाहरण है, जब पिता के बाद बेटा भी CJI बने हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के कई फैसले चर्चित रहे हैं। इनमें 2018 में विवाहेतर संबंधों (व्यभिचार कानून) को खारिज करने वाला फैसला शामिल है। 1985 में तत्कालीन CJI वाईवी चंद्रचूड़ की पीठ ने सौमित्र विष्णु मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 497 को कायम रखते हुए कहा था कि संबंध बनाने के लिए फुसलाने वाला पुरुष होता है न कि महिला। वहीं, डीवाई चंद्रचूड़ ने 2018 के फैसले में धारा 497 को खारिज करते हुए कहा था ‘व्याभिचार कानून महिलाओं का पक्षधर लगता है, लेकिन वास्तव में यह महिला विरोधी है। शादीशुदा संबंध में पति-पत्नी दोनों की एक बराबर जिम्मेदारी है, फिर अकेली पत्नी पति से ज्यादा क्यों सहे! व्याभिचार पर दंडात्मक प्रावधान संविधान के तहत समानता के अधिकार का परोक्ष रूप से उल्लंघन है, क्योंकि यह विवाहित पुरुष और विवाहित महिलाओं से अलग-अलग बर्ताव करता है।

WhatsApp Image 2022 11 09 at 6.38.59 PM 1

हाईकोर्ट में भी सेवाएं दे चुके
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट आने से पहले कई हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट में जज बनने से पहले उन्होंने गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली हाईकोर्ट में एक वकील की तौर पर प्रैक्टिस भी की। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील के तौर पर भी प्रैक्टिस की। 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था। 2000 तक वह भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में काम कर चुके हैं। वकील के तौर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों की लड़ाई लड़ी है।

विधि के बेहतरीन जानकार
देश के नए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित InLaks स्कॉलरशिप की मदद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। यहां से उन्होंने मास्टर्स और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट (SJD) पूरी की। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्कूल, येल लॉ स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ विटवॉटरलैंड में लेक्चर भी दिया है।