

E-Attendance of Teachers : नए शिक्षा सत्र से शिक्षकों की ई-अटेंडेंस ‘3.0 पोर्टल’ से, उसे चेहरा दिखाना होगा!
Bhopal : प्रदेश में 15 जून से नया शिक्षा शुरू हो रहा है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने नई पहल की है, जिससे सरकारी स्कूलों से शिक्षक स्कूलों से गायब नहीं रह पाएंगे। प्रदेश के 20 हजार शिक्षक कई सालों से स्कूलों से गायब बताए जाते हैं। इसके लिए प्रदेश के करीब चार लाख शिक्षकों की उपस्थिति ‘सार्थक एप’ के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज होगी। यह एप शिक्षकों की लोकेशन दर्ज करेगा, साथ ही ऑनलाइन चेहरा दिखाई देने पर ही उपस्थिति दर्ज होगी। दूसरी तरफ ट्रायबल विभाग अपनी आश्रम शालाओं में जिन ढाई लाख शिक्षकों से बच्चों का अध्यापन करवाता है, उनकी ई-अटेंडेंस भी 3.0 पोर्टल के माध्यम से कराए जाने की तैयारी है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में ढाई लाख शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस पूर्व से संचालित ‘एम शिक्षा मित्र’ पर उपस्थिति लगाने की तैयारियां हुई थीं। अब डिपार्टमेंट ने नया सिस्टम तैयार किया है। इघर, जिस ट्रायबल विभाग अपनी आश्रम शालाओं में ढाई लाख टीचरों से बच्चों का अध्यापन करवाता है, वहां पर अभी कोईअंतिम तैयारियां नहीं हुई।
15 जून से प्रदेश में शिक्षा का सत्र प्रारंभ हो रहा है। इसी दिन से स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन काम करने वाले हर शिक्षक की ऑनलाइन उपस्थिति होगी। जब यह मसौदा तैयार किया गया था, तब कहा गया था कि पूर्व से संचालित ‘एम शिक्षा मित्र’ पर शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस लगाई जाएगी। अब विभाग ने निर्णय बदला है। विद्यालयों के समस्त रिकार्ड को संग्रहित करने के लिए विभाग ने जिस नवीन 3.0 पोर्टल को लांच किया। उसी के माध्यम से शिक्षकों की ई-अटेंडेंस लगवाई जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक्सपर्ट की टीम काम कर रही है। यह काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसे समय सीमा में कर लिया जाएगा। कमिश्नर लोक शिक्षण संचालनालय शिल्पा गुप्ता का कहना है कि हम 15 जून से राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की ई-अटेंडेंस लगवाएंगे। इस विषय में तेजी से काम चल रहा है। जितने शिक्षक पदस्थ है। सभी को ऑनलाइन अटेंडेंस लगानी होगी।
20 हजार शिक्षक सालों से गायब, अब चेहरा दिखाना होगा
प्रदेश में 20 हजार शिक्षक ऐसे हैं, जो पिछले कई सालों से स्कूलों में नहीं पहुंचे। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मतदाता सूची में कार्य के नाम पर अनेक शिक्षक लगे हैं। इसके अलावा जिला पंचायतों और तहसील कार्यालयों में सालों से बाबूगिरी कर रहे है। बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य शिक्षा केन्द्र, लोक शिक्षण संचालनालय जिला शिक्षा अधिकारी एवं बीआरसीसी जैसे कार्यों में अटैच होकर सेवाएं दे रहे है। कई शिक्षक सांसद एवं विधायकों के कार्यालयों में काम कर रहे है। हजारों शिक्षक कक्षाओं से दूर है। लेकिन, अब ऐसे शिक्षकों की स्कूल में ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं लगी, तो इनका वेतन नहीं बनेगा।
उपस्थिति दर्ज नहीं, तो वेतन पर भी असर
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ऑनलाइन अटेंडेंस लगेगी, तो पूरा डिटेल भी दर्ज होगा कि शिक्षक कितने बजे विद्यालयों में पहुंचा है। शिक्षकों की स्कूलों में समय पर मौजूदगी होगी, तो बच्चों के शैक्षणिक कार्यों में भी गुणात्मक विकास होगा। अब जिला शिक्षा अधिकारियों पर निर्भर नही रहना पड़ेगा। अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी निरीक्षण करते रहे। अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्यवाही के लिए विभाग को जानकारी दी जाती है, अब सिस्टम ऐसा तैयार हो रहा है कि शिक्षक को स्कूल में निर्धारित समय ड्यूटी करना होगी, अन्यथा इनके वेतन पर असर पड़ेगा।