

Indore : देश के कुछ शहरों में भूकंप का खतरा और उसकी तीव्रता भांपने के लिए केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने सर्वे शुरू किया है। इस सर्वे में देश के 40 से अधिक शहरों और उसके आसपास के इलाके को शामिल किया गया है। इसमें मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, गुना, शहडोल संभाग मुख्यालय सहित देश के अन्य शहर शामिल हैं।
इंदौर संभाग के अलीराजपुर, धार और बड़वानी जिलों में रविवार दोपहर भूकंप के हल्के झटके आने के बाद भूकंप के खतरों की पड़ताल की गई। इसमें सामने आया कि बढ़ती घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय भूकंप केंद्र भी चिंतित है। इसीलिए केंद्र ने सर्वे में उन शहरों को शामिल किया है, जहां पहले कभी भूकंप आए हैं या विकास परियोजनाओं के तहत बड़ी सुरंग या जमीन को गहराई तक खोदने की जरूरत पड़ रही है। इसमें स्मार्ट सिटी, मेट्रो रेल सहित अन्य प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं।
माइक्रो जोनिंग की जा रही
सर्वे के अंतर्गत इन शहरों और इलाकों की माइक्रो जोनिंग की जा रही है। माइक्रो जोनिंग की प्रक्रिया के तहत भूगर्भीय हलचलों को रिकॉर्ड करने के लिए अलग-अलग जगह अस्थायी भूकंप लेखीय यंत्र (टेम्परेरी सिस्मोग्राफ) लगाए गए हैं। अब तक जबलपुर संभाग की माइक्रो जोनिंग हो चुकी है। इस सर्वे के तहत सिवनी और छिंदवाड़ा क्षेत्र में भूकंप का अधिक खतरा सामने आया।
धार जिले में रहा भूकंप का केंद्र
इंदौर संभाग के अलीराजपुर, धार, बड़वानी जिलों में रविवार दोपहर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। लेकिन, कहीं से भी किसी नुकसान की बात सामने नहीं आई। सरदार सरोवर बांध से जुड़े गुजरात सरकार के भू विज्ञानी संतोष कुमार ने बताया कि भूकंप मापी केंद्रों में 2.8 तीव्रता का भू कंपन मापा गया है।
इसका केंद्र बड़वानी से 38 किमी दूर धार जिले में रहा। तीव्रता काफी कम थी, संभवत इसलिए लोगों को झटके महसूस नहीं हुए। राजस्व विभाग धार के भू-अभिलेख अधीक्षक एस धाकड़ ने बताया कि हमें बड़वानी जिला प्रशासन से इस बात की सूचना मिली थी कि धार जिले के डही क्षेत्र के ग्राम छाछ कुआं में भूकंप संबंधी हलचल हुई है।
इंदौर संभाग के कई जिले संवेदनशील
अभी इंदौर संभाग का सर्वे किया जाना है। लेकिन, पूर्व की घटनाओं को देखते हुए विशेषज्ञों का अनुमान है कि धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, अलीराजपुर, झाबुआ सहित इंदौर का महू क्षेत्र भूकंप के मामले में संवेदनशील हो रहा है। रविवार को धार और अलीराजपुर क्षेत्र में हुई घटना भूगर्भीय हलचल है। यह जमीन के अंदर 10 किलोमीटर नीचे थी और इसकी तीव्रता बहुत कम थी, इसलिए यह नुकसानदायक नहीं रही।
जमीन के अंदर चट्टानों के आगे-पीछे खिसकने से इस तरह की भूगर्भीय हलचल होती है। इसमें सरदार सरोवर बांध अन्य किसी बांध का कोई कारण नहीं है। भविष्य के खतरों को देखते हुए प्रदेश के कुछ शहरों और इलाकों की माइक्रो जोनिंग का काम जारी है।