Eco Friendly Cement : भंडारी तिराहा पर नई तकनीक से सड़क के गड्ढे भरने का काम!
Indore : बारिश में अन्य सड़क पर गड्ढे होने से नागरिकों को होने वाली परेशानी से बचाने के लिए भंडारी मिल तिराहे पर पर्यावरण हितैषी नवीन तकनीक के जरिए सड़क पेचवर्क रेस्टोरेशन का काम किया जा रहा है। आज महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर में किए जा रहे सड़क रेस्टोरेशन कार्यों के क्रम में यहां के कामकाज का अवलोकन किया।
महापौर ने नई तकनीक से किए जा रहे सड़क रेस्टोरेशन कार्यों का अवलोकन करते हुए संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि से रेस्टोरेशन कार्य एवं गुणवत्ता के संबंध में जानकारी ली। महापौर ने संबंधित अधिकारियों को सड़क मरम्मत कार्य की गुणवत्ता स्ट्रेंथ और कार्य की लागत के संबंध में अन्य कंपनी के लागत एवं गुणवत्ता की तुलना में वित्तीय भार एवं जोखिम के संबंध में जानकारी लेने के भी निर्देश दिए।
सड़क रेस्टोरेशन कार्य में संलग्न नेचुरल सीमा को प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नवीन टेक्नोलॉजी के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। इसके तहत कंप्लीट प्रीमिक्स पदार्थ में पानी मिलाया जाता है और रेस्टोरेशन के स्थान पर डाला जाता है, जो 2 से 4 घंटे के अंदर पूरी तरह से जम जाता है। इको फ्रेंडली सिस्टम से गड्ढे भरने का ट्रायल किया गया। इस सिस्टम की विशेषता यह है इसमें इस्तेमाल होने वाला सीमेंट स्पेशल केमिकल वाला है, जो दो घंटे में सूख जाता है। इसमें बाद सड़क के सुधारे गए हिस्से का दो घंटे बाद इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे सुधारी जाती है सड़क
इस तकनीक से सबसे पहले गड्ढे का उखड़ा हुआ मटेरियल बाहर निकाला जाता है। इसके बाद कंकड़, पत्थर को भी निकालकर गड्ढे को साफ कर बेस तैयार होता है। फिर गड्ढे के अंदर भी जो छोटे-बड़े गड्ढे हैं उसे भरने के लिए कंपनी द्वारा तैयार मटेरियल का उपयोग किया जाता है। इसके लिए 25 किलो के मटेरियल में ढाई लीटर लिक्विड मिलाकर कोठी में मटेरियल तैयार किया जाता है। इसमें डामर का उपयोग नहीं होता।
खास बात यह इसमें कंपनी द्वारा बनाया गया स्पेशल इको फ्रेंडली सीमेंट (पॉलीमर स्ट्रेंथ वाला) मिक्स किया जाता है। फिर इलेक्ट्रॉनिक मिक्सर से इसे तैयार कर लेते हैं। मटेरियल को गड्ढे में भरकर मजदूरों द्वारा समतल (प्लास्टर) किया जाता है। इस सीमेंट की खासियत यह है कि दो घंटे में सूख जाता है और तरी भी नहीं करना पड़ती। इसके बाद सड़क का हिस्सा ट्रैफिक के लिए उपयोग किया जा सकता है।