ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 8 करोड़ की संपत्ति कुर्क की
नई दिल्ली, 2 जून . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पंजाब के तत्कालीन नायब तहसीलदार वरिंदर पाल सिंह धूत की 8 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.रिपोर्ट अनुसार भूमि अपात्र व्यक्तियों और कुछ मामलों में बाहरी लोगों के नाम पर आवंटित की गई थी. कुर्क की गई संपत्तियों में चंडीगढ़ और होशियारपुर में स्थित रिहायशी परिसर शामिल हैं.
ईडी ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सतर्कता ब्यूरो पंजाब द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच शुरू की थी.
धूत और अन्य के खिलाफ मामले में सतर्कता ब्यूरो द्वारा चार्जशीट भी दायर की गई थी. ईडी ने धूत को 20 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह आरोप लगाया गया था कि राजस्व अधिकारियों और अन्य लोगों ने पंजाब के सियोंक गांव की कुल 99 एकड़ से अधिक की पंचायत भूमि के शेयरों का गलत आवंटन किया था.
भूमि अपात्र व्यक्तियों और कुछ मामलों में बाहरी लोगों के नाम पर आवंटित की गई थी. कुर्क की गई संपत्तियों में चंडीगढ़ और होशियारपुर में स्थित रिहायशी परिसर शामिल हैं.
ईडी ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि धूत व अन्य ने सियोंक गांव की पंचायती जमीन का गलत तरीके से 6 ग्रामीणों के नाम आवंटन की थी. इसके बाद निजी प्रापर्टी डीलरों ने पावर ऑफ अटॉर्नी हासिल की. डीलरों ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से पंचायत की जमीन अयोग्य ग्रामीणों और कुछ बाहरी लोगों को बेच दी.
जांच के दौरान, वरिंदर पाल सिंह धूत द्वारा उनके और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर बनाए गए बैंक खातों की जांच की गई और लगभग 8 करोड़ रुपये के नकद क्रेडिट सहित 15 करोड़ रुपये से अधिक के अस्पष्ट क्रेडिट पाए गए.
ईडी ने कहा कि जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि धूत ने अपने रिश्तेदारों के बैंक खातों में अंतिम खरीदार या पंचायत भूमि के लाभकारी मालिकों के दोस्तों और रिश्तेदारों से धन प्राप्त किया. इसके अलावा, पंचायत भूमि की अधिकांश बिक्री का लेन-देन नकद में किया गया था.