

ED Team Attacked: भूपेश बघेल के बेटे के घर रेड के बाद के ED की टीम पर हमला,मिले 30 लाख नगद
विनोद काशिव की रिपोर्ट
रायपुर:छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के घर से छापेमारी के बाद निकल रही ED टीम पर हमले की खबर आ रही है। बताया गया है कि टीम की गाड़ी पर बड़ा पत्थर फेंका गया, जिससे कार का कांच टूट गया.
छत्तीसगढ़ के भिलाई में आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हमला हुआ है. रेड के बाद घर से बाहर निकलते हुए टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. अब इस मामले में ED केस दर्ज करा रही है। बताया गया है कि छापेमारी में घर से मिले 30 लाख नगद मिले है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह हमला तब हुआ जब ईडी के अधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर रेड करने के बाद वहां से बाहर निकल रहे थे. उसी समय घर के बाहर समर्थकों का विरोध प्रदर्शन चल रहा था. तभी कुछ अज्ञात लोगों ने टीम पर हमला कर दिया.
*ED टीम की गाड़ी पर हमला*
जानकारी के मुताबिक, ED की टीम पर ईंट-पत्थरों से हमला किया गया है. टीम की गाड़ी के आगे और पीछे बड़े पत्थर फेंके जाने की बात सामने आई है. हालांकि, अभी तक घायलों की जानकारी नहीं मिली है.
*भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ ED का एक्शन*
जानकारी के लिए बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत उनके परिसरों पर छापे मारे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित परिसरों, चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों की भी धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली गई. बताया गया है कि छापेमारी में 30 लाख नगद मिले है।
चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिए उस परिसर पर भी रेड डाली गई. ED को संदेह है कि चैतन्य बघेल शराब घोटाले के अपराध से हुई आय के ‘प्राप्तकर्ता’ हैं. ऐसे में राज्य में करीब 14-15 परिसरों पर छापे मारे गए.
*कांग्रेस नेताओं का विरोध प्रदर्शन*
छापेमारी के तुरंत बाद, भिलाई में भूपेश बघेल के घर के बाहर कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता इकट्ठे हो गए और दावा किया कि यह केंद्र की साजिश है. ED ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई.