ED’s Revelations : 51 MP’s और 71 वर्तमान और पूर्व MLA’s PMLA के तहत आरोपी!
New Delhi : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 51 वर्तमान और पूर्व संसद सदस्यों को फंसाया है। ED द्वारा अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले के जवाब में सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इसी तरह 71 पूर्व और वर्तमान विधायक PMLA के तहत आरोपी हैं। पेश की गई रिपोर्ट में यह नहीं बताया कि इनमें से कितने सांसद/विधायक वर्तमान के हैं और कितने पूर्व के हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक रिपोर्ट कहती है कि मौजूदा और पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ 121 मामले लंबित हैं। उन मामलों में शामिल सांसदों की संख्या 51 है, जिनमें से 14 मौजूदा हैं, 37 पूर्व हैं और 5 अब जीवित नहीं हैं। इसी तरह 112 विधायक CBI के मामलों में शामिल हैं, जिनमें से 34 वर्तमान, 78 पूर्व हैं और 9 की मृत्यु हो चुकी है। आगे यह बताया गया कि CBI द्वारा सांसदों के खिलाफ जांच के लिए लंबित मामलों की संख्या 37 है।
सुप्रीम कोर्ट में ये आंकड़े वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने एक अन्य रिपोर्ट में विस्तार से प्रस्तुत किए। हंसारिया द्वारा यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक आदेश के अनुसार दायर की गई थी। इसमें लंबितता से संबंधित स्थिति, रिपोर्ट और अभियोजन पक्ष के लिए मंजूरी देने, जांच पूरी करने के लिए अपेक्षित समय और उसी में देरी के कारणों की मांग की गई थी।
SC का यह आदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों में एक याचिका के माध्यम से त्वरित सुनवाई की मांग के बाद आया है। याचिका में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी गई, जो एक सांसद या विधायक के रूप में चुनाव लड़ने के लिए किसी व्यक्ति की अयोग्यता की अवधि को दोषसिद्धि पर रिहाई से केवल 6 साल की अवधि के लिए सीमित करता है।