Education Hub: भोपाल बनेगा शिक्षा की भी राजधानी

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Education Hub: भोपाल बनेगा शिक्षा की भी राजधानी

भोपाल. भोपाल के एजुकेशन हब बनाने के लिए चौतरफा गतिविधियां संचालित हो रही हैं, ताकि प्रदेश का विद्यार्थी श्रेष्ठ से श्रेष्ठ डिग्री हासिल करने के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहे। वह अपने ही प्रवेश में रहकर डिग्री ले सकेंगे। अब राजधानी में उच्च शिक्षा लेने पड़ोसी राज्यों के साथ अन्य राज्यों के विद्यार्थी आ रहे हैं। वे लगातार प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण कर रहे हैं। इन्हीं संकतों से भोपाल प्रदेश की राजधानी के साथ शिक्षा की राजधानी बनती दिखाई दे रही है। एजुकेशनल हब बनता दिखाई दे रहा है। यहां के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट, नर्सिंग, चिकित्सा, होटल मैनेजमेंट सहित अन्य उच्च शिक्षा के लिए पुणे, मुंबई, चेन्नई या हैदराबाद जाने की जरूरत नहीं है।

भोपाल के हब बनने में छह बड़े सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ एक दर्जन निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना अहम भूमिका निभा रहे हैं। कई राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च और इंजीनियरिंग के संस्थान में भोपाल की पहचान बन चुके हैं। देश में भोपाल मात्र एक शहर हैं। जहां डिजायन के तीन केंद्रीय संस्थान स्थापित हैं। इसमें नेशनल इंटीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी, स्कूल आफ आर्किटेक्चर एंड प्लालिंग और राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान शामिल हैं। तीनों संस्थान विद्यार्थियों को प्रवेश दे रहे हैं। ऐसे संस्थान दिल्ली तक में मौजूद नहीं हैं।

ये हैं बड़े विश्वविद्यालय व संस्थान

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, जिसमें कई पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है। वहीं हिंदी के लिए अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, चिकित्सा शिक्षा के लिए एम्स, पत्रकारिता के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, विधि की पढ़ाई के लिए 1997 में राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआइयू) की स्थापना हुई। यहां पर दूसरे राज्यों के विद्यार्थी विधि के पढ़ाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा में चयनित होकर पढ़ने आते हैं। वहीं फैशन डिजाइनिंग के लिए नेशनल इंटीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) है। इसके अलावा होटल मैनेजमेंट के लिए इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट संस्थान है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए राष्ट्रीय स्तर का संस्थान मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (मेनिट) है। यहां पर करीब पांच हजार विद्यार्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) और स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्टिकल्चर में भी देश के कोन कोने से विद्यार्थी आकर प्रवेश लेकर डिग्री कर रहे हैं।

एशिया विवि रैंकिंग में भारतीय संस्थानों में आइसर हुआ शुमार

भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान(आइसर) को पिछले साल एशिया विवि रैंकिंग में भारतीय संस्थानों में शुमार किया गया है। बता दें, कि 2008 में आइसर भोपाल की स्थापना की गई थी। इसमें 10 शैक्षणिक विभागों में 130 विज्ञानी और करीब दो हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। पिछले साल 25 शोध पेटेंट के लिए भेजा गया है। इसमें से पांच की अनुमति मिल गई है। भोपाल को एजुकेशन हब बनाने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और केंद्रीय संस्थानों के निदेशकों के साथ चर्चा भी की गई। इसमें उच्च शिक्षा, तकनीकी और आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने शिरकत भी की थी।

पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए राष्ट्रीय विश्वविद्यालय

पत्रकारिता और जनसंचार की पढ़ाई करने के लिए एमसीयू राजधानी में है। बिशनखेड़ी में 50 एकड़ में विश्वविद्यालय नए परिसर में संचालित किया जा रहा है। परिसर में स्टूडियो, कल्चरल हाल, लायब्रेरी, कैंटीन, बालक व बालिका के लिए छात्रावास, कुलगुरु और अधिकारियों के लिए भवन सहित कई सुविधाएं उपलब्ध है। यहां पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कई पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है।इस सत्र से सिनेमा अध्ययन विभाग की स्थापना की जा रही है।

दूरस्थ शिक्षा के लिए भोज (मुक्त) विवि

कोलार रोड स्थित भोज मुक्त विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के लिए जाना जाता है। यहां से विद्यार्थी किसी भी जिले में रहकर या घर से भी पढ़ाई कर रहे हैं। करीब 60 से 70 हजार विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा ले रहे हैं। वर्तमान से विवि ने जुलाई और जनवरी सत्र में प्रवेश करने की व्यवस्था कर दी है। प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी जुलाई सत्र में प्रवेश लेकर अपना एक साल सुरक्षित कर सकते हैं।

ईमेल पर मिलेगी डिग्री

बीयू ने सभी विद्याार्थियों का डिग्री और अंकसूची उनके ई-मेल पर भेजने का निर्णय किया है। इससे कागज की खतप काफी हद तक कम हो जाएगी। बीयू प्रदेश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। विश्व के 398 संबद्ध कालेजों में चार लाख विद्यार्थी अध्ययनत है। विवि कैंपस में विभिन्न पाठ्यक्रमों में तीन हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यार्थियों को रोजगार देने के लिए कैंपस प्लेसमेंट के लिए कई बड़ी कंपनियों को बुला रहे हैं। इंक्यूबेशन और रिसर्च सेंटर खोले जा रहे हैं। छात्रावास और सेंट्रल लायब्रेरी की सुविधा उपलब्ध है।

हिंदी लैब और अटल पीठ की स्थापना

मुगालिया कोट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना 2011 में हुई। इस विश्वविद्यालय हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हिंदी प्रयोगशाला और अटल की रचनाओं पर शोध के लिए अटल पीठ की स्थापना की जा रही है। 156 अध्ययन केंद्र और साढ़े छह हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इस सत्र से हिंदी भाषा में चिकित्सा में डिप्लोमा कोर्स की शुरूआत की गई है। साथ ही पंचकर्म सहित कई कोर्स उपलब्ध हैं।

राजधानी के निजी विश्वविद्यालय

एलएनसीटी, पीपुल्स, आईएएस, मध्यांचल, शुभम, आरकेडीएफ, एसआरके, भाभा, सेम ग्लोबल, आरएनयूटी, स्कोप स्कैल ग्लोबल।

भोपाल जिले उच्च शिक्षा के

14 सरकारी कालेज
57 निजी कालेज
06 अनुदान प्राप्त कालेज