Education Minister’s Disclosure : अमेरिका की खोज कोलंबस ने और भारत की वास्कोडिगामा ने नहीं की, MP के शिक्षा मंत्री का खुलासा!
Bhopal : जो लोग अभी तक इतिहास पढ़कर यह समझते रहे कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने और भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की थी, तो उनका यह इतिहास ज्ञान बेकार है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भोपाल की बरकतऊल्लाह यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा कि अभी तक हमारे स्टूडेंट्स को गलत इतिहास पढ़ाया जाता रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने जब ये अप्रत्याशित खुलासे किए तब राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी मौजूद थे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं, बल्कि एक भारतीय व्यापारी ने की थी। इस दौरान इंदरसिंह परमार ने कहा कि अभी तक हमारे स्टूडेंट्स को इतिहास पढ़ाया जा रहा है, वह सही नहीं है। अमेरिका की खोज तो हमारे पूर्वज ने की थी। आज भी भारत में यह रिकॉर्ड मौजूद है।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को खोजने वाला वास्कोडिगामा नहीं था, बल्कि हमारे देश की एक नाविक चंदन व्यापार करने के लिए अफ्रीका के जंजीबार गया था। वहां के एक बंदरगाह पर वास्कोडिगामा ने अपने दुभाषिया के माध्यम से उससे कहा था कि वह भारत देखना चाहता है। इसके बाद व्यापारी ने कहा था कि आप मेरे पीछे-पीछे चलिए। असल में भारत की खोज इस व्यापारी ने ही की थी। यह बात वास्कोडिगामा ने खुद लिखी है कि व्यापारी चंदन का जहाज उसके जहाज की आगे आगे चल रहा था।
यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुआ। यहां प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने यह बात कही। मंत्री ने कहा कि मेरा बयान सिर्फ किसी बात पर आधारित नहीं है, इतिहास में इस बात के तथ्य मौजूद हैं। दीक्षांत समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री ने स्टूडेंट्स को डिग्री भी दी। दीक्षांत समारोह में 94 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई और 28 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक भी दिए गए।