
Effect of Collector’s Strictness in Public Hearing : जनसुनवाई में कलेक्टर सख्त, ₹50.40 लाख का मुआवजा कुछ घंटों में खाते में जमा!
Bhopal : प्रदेश के जिलों में हर मंगलवार को होने वाली कलेक्टर जनसुनवाई के बारे में आम धारणा है कि इसमें जनता की समस्याओं को उस तरह हल नहीं किया जाता, जो जनसुनवाई का मूल मंतव्य है। लेकिन, भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस मंगलवार को जो किया वह मिसाल बन गया। उन्होंने कई दिनों से परेशान एक बुजुर्ग व्यक्ति का 50 लाख का मुआवजा कुछ घंटे में उसे दिला दिया। इस पीड़ित व्यक्ति की जमीन का सड़क निर्माण में अधिग्रहण किया गया था। लेकिन, उसका मुआवजा दिए जाने में अधिकारी बहानेबाजी कर रहे थे। परेशान व्यक्ति ने मंगलवार की जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने अपनी पीड़ा बताई। कलेक्टर ने भी उसकी शिकायत को वाजिब समझा और शाम तक अधिकारियों को उसका निराकरण करने का निर्देश दिया। इसका असर यह हुआ कि शाम को उस व्यक्ति को ₹50.40 लाख का मुआवजा उसके खाते में जमा कर दिया गया।
मामले के अनुसार, राजधानी के आशिमा मॉल से कटारा हिल्स तक बनाई गई 80 फीट रोड के निर्माण में बागमुगालिया के श्याम बौहरे की जमीन भी अधिग्रहित की गई थी। कोर्ट ने सालभर पहले उसे मुआवजा देने का आदेश दिया। लेकिन, अभी तक भुगतान नहीं हुआ। मंगलवार को जनसुनवाई में उन्होंने यह मामला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के सामने रखा और अपनी पीड़ा बताई।
कलेक्टर ने सारा मामला समझकर अधिकारियों पर नाराजगी जताई और प्रभावित व्यक्ति को तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए। इसके बाद सीपीए और पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और सारी कागजी कार्रवाई पूरी करके शाम तक ₹50.40 लाख रुपए उनके खाते में ट्रांसफर किए।
जानकारी के मुताबिक, इस सड़क निर्माण में 7 लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। कोर्ट के आदेश पर छह लोगों को उनकी जमीन का मुआवजा मिल चुका, लेकिन श्याम बौहरे छह महीने से रजिस्ट्री और भुगतान के लिए चक्कर काट रहे थे। कलेक्टर ने सीपीए के अधिकारियों को और पंजीयन विभाग के सब रजिस्ट्रार को बुलवाकर पूछा कि बुजुर्ग को बार-बार क्यों आना पड़ रहा है? उन्होंने मंगलवार शाम तक प्रकरण का निराकरण करके मुआवजा राशि उनके खाते में जमा कराने के सख्त निर्देश दिए, जिसका असर भी हुआ।