Efforts to Rescue Beggars Failed : भिखारी मुक्ति के अभी तक के सारे प्रयास विफल!
Indore : स्मार्ट सिटी इंदौर को प्रशासन भिक्षुक मुक्त बनाना चाहता है। इसके लिए लगातार कोशिशें जारी हैं, लेकिन इन कोशिशों को सफलता मिलते नहीं दिख रही है। स्मार्ट सिटी के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां सुबह से भिखारी दिखाई देने लगते हैं। मौसम कोई भी हो, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। सामाजिक न्याय विभाग की कार्रवाई भी इन भिखारियों पर कोई प्रभाव नहीं डालती दिखाई दे रही।
शहर के जेल रोड, कोठारी मार्केट चौराहा, महात्मा गांधी मार्ग ऐसे हॉटस्पॉट हैं, जहां सूरज बाद में उदय होता है उससे पहले भिखारी मांगते दिख जाएंगे। इसके साथ ही शहर के धार्मिक स्थलों के आस-पास तो निश्चित दिनों में मांगने वालों की संख्या 30 से 50 तक पहुंच जाती है। पश्चिम क्षेत्र के रणजीत हनुमान मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और पूर्वी क्षेत्र के खजराना मंदिर के साथ ही ऐसे अन्य कई स्थान हैं, जहां तो 24 घंटे ही भिखारी ड्यूटी देते दिख जाएंगे।
कलेक्टोरेट से संचालित होने वाले सामाजिक न्याय विभाग द्वारा इन्हें शहर से बाहर भेजने अथवा पुनर्वास केंद्रों पर लाने की दिशा में उठाए गए कदम भी कारगर साबित नहीं हो रहे। दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि सामाजिक न्याय विभाग की लापरवाही भी एक कारण है कि शहर में बड़ी संख्या में भिखारी डटे हुए हैं।
सरकारी अधिकारी भी आंख मूंद लेते
रणजीत हनुमान मंदिर, खजराना गणेश मंदिर और अन्य ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं, जहां मंगलवार, बुधवार और शनिवार को सरकारी अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहता है। ये अधिकारी अधिकार संपन्न हैं अर्थात चाहें तो एक ही आदेश से भिखारियों को खदेड़वा सकते हैं, लेकिन ये देखकर भी आंखें मूंद लेते हैं। इनके सामने ही भिखारी मैदान में डटे रहते हैं। इन भिक्षुकों में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर उम्रदराज लोग भी शामिल हैं।
योजनाएं कई, पर कारगार नहीं
जहां तक सरकार की योजनाओं की बात करें तो भिखारियों के पुनर्वास को लेकर कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। इनकी मॉनिटरिंग के लिए भी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन भिखारियों की संख्या को कम नहीं कर पा रहे हैं।