इजिप्त, जिम्बाबे, तंजानिया, दक्षिण अफ्रिका ने हटाया प्रतिबंध, एमपी का गेहूं जाएगा विदेश

MP से डेढ लाख टन गेहूं पहुंचा विदेशों में

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इजिप्त, जिम्बाबे, तंजानिया, दक्षिण अफ्रिका ने हटाया प्रतिबंध, एमपी का गेहूं जाएगा विदेश

भोपाल: इजिप्त, जिम्बाबे, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों ने भारत से अनाज आयात करने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। मध्यप्रदेश के शरबती, लोकमन गेहूं की डिमांड इन देशों सहित अन्य देशों में बढ़ी है।

मध्यप्रदेश के अनाज व्यापारी किसानो से बेस्ट गेहूं लेकर उसका निर्यात कर रहे है। उन्हें इसके अच्छे दाम मिल रहे है। अब तक डेढ़ लाख मीट्रिक टन गेहूं विदेशों में निर्यात करने भेजा जा चुका है। मध्यप्रदेश का गेहूं निर्यात में पचास फीसदी अधिक दामों पर बिक रहा है।

मध्यप्रदेश से निर्यात के लिए व्यापारी खुद किसानों से बेहतर गेहूं खरीद रहे है। उसकी सफाई, ग्रेडिंग करने के बाद बढ़िया किस्म के गेहूं को निर्यात के लिए विशेष किस्म के बैगों में पैक कराया गया है। मध्यप्रदेश से गेहूं पैक होकर गांधीगर, कांडला, मंूंदरा, धु्रव, शिरवा, विशखापट्टनम, रोहर, खारी, काकीनाड़ा के बंदरगाहों पर पहुंच रहा है।

मध्यप्रदेश से दो लाख टन गेहूं इन बंदरगाहों पर पहुंचा है। इनमें से अस्सी फीसदी गेहूं निर्यात किया जा रहा है। एक मार्च से लेकर पंद्रह अप्रैल तक मध्यप्रदेश से गेहूं लेकर रेलवे की 87 रैक रवाना हो चुकी है। आगे भी लगातार बुकिंग जारी है। मंडी बोर्ड ने भी व्यापारियों के जरिए जिलों से खरीदा गया पचास हजार टन गेहूं निर्यात के लिए रवाना किया है।

किसानों और व्यापारियों को फायदा-
जो गेहूं विदेशों में जा रहा है उसमें किसानों को भी फायदा हो रहा है। व्यापारी किसानों का अच्छा किस्म का गेहूं काफी अच्छे दाम पर खरीद रहे है। इस गेहूं के ढाई से तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल तक दाम किसानों को मिल रहे है। अनाज की बेहतर क्वालिटी को देखकर कई व्यापारी तो किसानों के खेतों और खलिहानों से सीधे गेहूं उठा रहे है। कई व्यापारियों ने किसानों के गेहूं की शार्टिंग और सफाई के लिए वहीं पर मशीने और अमले भी लगाए है जो गेहूं को मौके पर ही साफ कर किसानों के सामने तुलाई कर ले रहे है और उन्हें अच्छे दाम भी दे रहे है। कई देशों में आयात पर लगा प्रतिबंध हटने के बाद अब व्यापारियों को भी ज्यादा मौका मिल रहा है। विदेशों से मांग बढ़ने के कारण व्यापारियों को इस गेहूं के पचास फीसदी ऊंचे दाम विदेशों में मिल रहे है।