
आठवां वेतन आयोग मंजूर: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिला दिवाली का बड़ा तोहफ़ा
जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित खुशखबरी आखिरकार मिल गई है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (Eighth Pay Commission) को औपचारिक मंजूरी दे दी है। करीब दस महीनों के इंतजार के बाद यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस फैसले से देशभर के लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन और उसके Terms of Reference (ToR) को मंजूरी दी गई। यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन ढांचे की समीक्षा करेगा। आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपनी होंगी, और इसके 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना जताई जा रही है।
नए वेतन आयोग में एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। इसका उद्देश्य है- कर्मचारियों के जीवन स्तर को मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप सुधारना, जबकि सरकारी वित्तीय ढांचे पर संतुलित असर बनाए रखना।
*कितना बढ़ सकता है वेतन*
8वें वेतन आयोग से वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर (जो बेसिक पे तय करने का आधार होता है) को बढ़ाकर 2.57 से 3.00 या उससे अधिक किए जाने की संभावना है। इससे मध्यम श्रेणी के कर्मचारियों के मूल वेतन में 15 से 20 हजार रुपये प्रति माह की वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), और अन्य सुविधाओं की भी पुनर्समीक्षा की जाएगी। आयोग को यह भी देखना होगा कि निजी क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) में वेतन संरचना का अनुपात क्या है, ताकि सरकारी कर्मचारियों की आय प्रतिस्पर्धात्मक बनी रहे।
*पेंशनर्स को भी मिलेगा लाभ*
वेतन आयोग की सिफारिशों का असर केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा। इससे करीब 69 लाख पेंशनर्स को भी फायदा होगा, जिनकी पेंशन राशि संशोधित वेतनमान के आधार पर पुनर्गणना की जाएगी। सरकार की मंशा है कि बढ़ती महंगाई के दौर में वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक स्थिति को भी स्थिरता और सुरक्षा प्रदान की जाए।
*आर्थिक असर और सरकार की चुनौती*
सरकार के लिए यह निर्णय आर्थिक दृष्टि से बड़ा कदम माना जा रहा है। 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्र को लाखों करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक भार उठाना पड़ सकता है। हालांकि, सरकार का मानना है कि कर्मचारियों की आय में वृद्धि से खपत और मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
राज्य सरकारों पर भी इस फैसले का असर पड़ेगा, क्योंकि वे प्रायः केंद्र की वेतन संरचना का अनुसरण करती हैं। इस वजह से कई राज्यों में भी आने वाले महीनों में कर्मचारियों की वेतन पुनरीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
*कर्मचारियों में खुशी की लहर*
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि बीते कई महीनों से वेतन आयोग की मंजूरी का इंतजार था। अब जब सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी है, तो इससे न सिर्फ कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि सेवा-प्रेरणा में भी वृद्धि होगी।
लगभग एक दशक बाद नया वेतन आयोग लागू होने की दिशा में यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए किसी दिवाली उपहार से कम नहीं है। इससे न केवल लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि सरकारी तंत्र में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
अब निगाहें आयोग की सिफारिशों और उनके 1 जनवरी 2026 से प्रभावी क्रियान्वयन पर टिकी हैं- जो देश के वेतन ढांचे में एक नया अध्याय लिख सकता है।





