भारत निर्वाचन आयोग ने जनप्रतिनिधित्व एक्ट के तहत राजस्थान के 46 नेताओं को अयोग्य घोषित किया
भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान के 46 नेताओं को जनप्रतिनिधित्व एक्ट के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है।
इसमें लोकसभा चुनाव -2019 लड़ने वाले 4 प्रत्याशी और विधानसभा चुनाव-2018 लड़ने वाले 43 प्रत्याशी शामिल हैं।
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के बावजूद भी इन नेताओं द्वारा समय पर चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं देने अथवा संतोषजनक ब्यौरा नहीं देने के लिए इन्हें एक निर्धारित अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। लोकसभा चुनाव-2019 में अलवर से चुनाव लड़ने वाले गुलाब सिंह, दौसा से रिंकू कुमार मीणा, नागौर से हनुमान राम और झालावाड़ से बद्री लाल को 7 जनवरी 2024 तक अयोग्य घोषित किया है।
इसी तरह विधानसभा चुनाव-2018 में खाजूवाला से चुनाव लड़ने वाले मिट्ठू सिंह, चूरु से उषा राठौर, उदयपुरवाटी से कृष्ण कुमार, भीम सिंह झोटवाड़ा से दिलीप कुमार शर्मा, आदर्श नगर से अब्दुल अज़ीज़, मुंडावर से आनंद यादव, बानसूर से ओमप्रकाश गुर्जर, कुलदीप शर्मा, मीराबाई, कामां से बालकिशन, भरतपुर से योगेश, नदबई से राजवीर सिंह, बयाना से मिश्री प्रसाद कोहली, जैतारण से लादू सिंह, पाली से मोहम्मद अली, मारवाड़ जंक्शन से अमर सिंह और देवाराम, भीनमाल से नंदा देवी, सांचौर से डॉ बुधराम बिश्नोई को 16 फरवरी 2024 तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।
इनके अलावा सीकर से विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले भगवान सहाय और अंकुर शर्मा, भरतपुर से तेजवीर सिंह, टोंक-सवाई माधोपुर से मुकेश कुमार और प्रेमलता बंसीवाल को 19 फरवरी 2024 तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। इसी तरह से रायसिंहनगर से कुंभाराम, अलवर ग्रामीण से जीतू जाटव, अलवर शहर से नवजोत सिंह, शोभाराम, सोजत से अंबालाल जगदीश, जीतराम, सुमेरपुर से शंकर सिंह, कपूराराम, संतोष, इमरान, सोहन सिंह, आहोर से बलवंत सिंह, पीपल्दा से नरेश जांगिड़, सांगोद से धनराज सिंह, भैरव लाल मालव, अंता से भुवनेश, खानपुर से मोहनलाल को 12 नवंबर 2024 तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया है।
इन सभी चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों के खिलाफ शिकायत की जांच के बाद जनप्रतिनिधित्व एक्ट के तहत यह कार्रवाई की गई है।