Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, इलेक्टॉरल बांड्स पर लगाई रोक!
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले इलेक्टॉरल बांड्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।SC ने चुनावी बांड को असंवैधानिक करार देते हुए उस पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने SBI को राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टॉरल बॉन्ड के ज़रिये मिले चंदे की जानकारी ECI को देने के लिये कहा है। ECI को 31 मार्च तक इसकी जानकारी अपनी वेबसाइट पर डाल सार्वजनिक करने के लिये कहा है। “राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले फंड के बारे में वोटरों को जानने का अधिकार है” “यह सूचना के अधिकार आर्टिकल 19(1)(a) का उल्लंघन करता है” पार्टियों के पास चंदा कहां से आया, अब बताना होगा।
बता दे कि इलेक्टॉरल बॉन्ड मोदी सरकार द्वारा लाये गये थे। सरकार के इस कार्यक्रम के खिलाफ ADR ने कोर्ट में अपील की थी। 5 जजों की संविधान पीठ ने आज फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है. कोर्ट ने माना कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है. CJI ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा भी काले धन को रोकने के लिए दूसरे तरीके हैं. अदालत ने फैसले में कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड की गोपनीयता ‘जानने के अधिकार’ के खिलाफ है. राजनीतिक दलों की फंडिंग के बारे में जानकारी होने से लोगों को मताधिकार का इस्तेमाल करने में स्पष्टता मिलती है.
फैसला सुनाते हुए CJI ने कहा कि राजनीतिक दलों की फंडिंग की जानकारी उजागर न करना मकसद के विपरीत है. एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से लेकर अब तक की जानकारी सार्वजानिक करनी होगी. एसबीआई को ये जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी. EC इस जानकारी को साझा करेगा. SBI को तीन हफ्ते के भीतर ये जानकारी देनी होगी.