2000 करोड़ तक पहुंच सकता है पंचायतों का बिजली बिल, सरकार की चिंता बढ़ी

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Finance Department Issued Orders

भोपाल: प्रदेश में जल-जीवन मिशन के माध्यम से हर घर को नल जल देने की सरकार की कोशिश ने बिजली खर्च बढ़ा दिया है। गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए नल जल योजनाओं को बढ़ावा देने की नीति के अंतर्गत की जा रही इस कार्यवाही का असर यह है कि अगले एक से डेढ़ साल में पंचायतों का बिजली बिल दो हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। दो माह पहले तक सरकार को बिजली बिल के 450 करोड़ रुपए चुकाने पड़ रहे थे। बिजली के इस बढ़ते बिल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है और अब तेजी से पंचायतों में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने का काम पंचायतों में किया जाएगा।

पंंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के दायरे में आने वाली 23012 पंचायतों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जल जीवन मिशन का काम कर रहा है। यहां नल जल योजना के माध्यम से घर-घर नल कनेक्शन देने का काम किया जा रहा है। घर-घर नल लगने के बाद होने वाली जलापूर्ति के बदले बिजली खर्च का भार पंचायतों में आएगा। ऐसे में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग का अनुमान है कि अगले एक से डेढ़ साल में प्रदेश भर में बिजली बिल दो हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। सूत्रों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 1 करोड़ घरेलू नल जल कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है, जो 2 वर्ष पूर्व मात्र 15 लाख थे और तब ग्राम पंचायतों का बिजली पर होने वाला व्यय करीब 450 करोड़ था। इसलिए सरकार स्वकराधान और सोलर एनर्जी जनरेशन के जरिये पंचायतों को इसके लिए सक्षम बनाने पर जोर दे रही है।

सूर्य शक्ति अभियान से करेंगे बचत

विभागीय अफसरों के अनुसार अब प्रदेश की ग्राम पंचायतों में भविष्य में बिजली बिल पर होने वाले 2 हजार करोड़ रुपए के व्यय को कम सौर ऊर्जा से बिजली उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। इसके बदले बचने वाली राशि गांव के अन्य विकास कामों में उपयोग की जाएगी। साथ ही कार्बन क्रेडिट का भी लाभ पंचायतों को मिल सकेगा। इसी तारतम्य में 26 जनवरी 2023 तक पहले चरण में 5 हजार से अधिक जनसंख्या वाली 714 ग्राम पंचायतों और हाट बाजार वाले समस्त गांवों तथा जिला एवं जनपद पंचायत कार्यालयों को सूर्य शक्ति अभियान में शामिल किया गया है। इन पंचायतों के अलावा अन्य पंचायतें भी इस अभियान से जुड़ सकती हैं।