Embezzlement in 3 Years : कलेक्ट्रेट के क्लर्क ने 3 साल में एक करोड़ का गबन किया!

जांच समिति बनाई गई, रिपोर्ट के बाद FIR दर्ज होगी!

836

Embezzlement in 3 Years : कलेक्ट्रेट के क्लर्क ने 3 साल में एक करोड़ का गबन किया!

इंदौर से गोविंद राठौर की रिपोर्ट

Indore : कलेक्ट्रेट के लेखा शाखा के एक क्लर्क मिलाप चौहान का कारनामा सामने आया है। उसने ट्रेज़री से एक करोड़ रुपए की राशि अपनी पत्नी और एक निजी कंपनी एक्सट्रीम सॉल्यूशन के खाते में ट्रांसफर कर लिए हैं। मामले में खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने क्लर्क को सस्पेंड कर दिया गया। कलेक्टर के मुताबिक, क्लर्क ने तीन वित्तीय वर्ष में यह गबन किया।

कलेक्ट्रेट में पदस्थ एक क्लर्क पर एक करोड़ के गबन का खुलासा हुआ। कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने बताया कि हमें पता चला है कि लेखा शाखा के क्लर्क मिलाप चौहान ने पिछले तीन फाइनेंसियल साल के दौरान यह वित्तीय गड़बड़ी की है। उन्होंने अलग-अलग सरकारी मदों से एक करोड़ से अधिक की राशि अपनी पत्नी और एक कंपनी एक्सट्रीम सॉल्यूशन के खाते में पहुंचाई है। कलेक्टर ने क्लर्क को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर महू के तहसील कार्यालय में पदस्थ होने के आदेश दिए।

इस घटना को लेकर कलेक्ट्रेट के सूत्रों ने बताया कि इसे मिलाप चौहान लपेटे में आया हो, पर ये कारनामा उसने अकेले ने किया होगा, इसमें शक है। क्योंकि, ये उसके अकेले का काम नहीं हो सकता।

इसमें ट्रेज़री के भी कुछ लोग मिले हो सकते होंगे। जब इस बार भोपाल से मिले डाटा में गड़बड़ी पकड़ी गई, तो इसे पहले क्यों नहीं पकड़ा जा सका। इस वित्तीय गड़बड़ी की गहराई से पड़ताल की गई तो कुछ और भी छुपे चेहरे भी उजागर हो सकते हैं।

जांच समिति बनाई गई
कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि गबन मामले की विस्तृत जांच के लिए एक समिति बनाई गई है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर चौहान के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे। इलैयाराजा ने कहा कि गबन की राशि भी उससे वसूल की जाएगी। जांच के बाद उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। यह मामला सामने आने के बाद कलेक्ट्रेट में हड़कंप मच गया। यह सवाल भी उठे हैं कि तीन साल से यह वित्तीय गड़बड़ी हो रही थी, पर किसी को भनक क्यों नहीं लगी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक कलेक्टरेट की लेखा शाखा में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन जारी करने का जिम्मा मिलाप चौहान को दिया गया था। लेखा विभाग के अधिकारी 16 और 17 मार्च को लेखा शाखा का निरीक्षण करने आए। इस दौरान जिला कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ मिलाप चौहान ने अपनी पत्नी और एक्सट्रीम सॉल्यूशन वेंडर के रूप में स्वयं का खाता दिखा दिया। कार्यालय से होने वाले भुगतान इन दोनों खातों में हो गया।

जांच रिपोर्ट के बाद एफआईआर
कलेक्टर ने बताया कि तीन साल में धीरे-धीरे लेखा पाल ने एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि अपनी पत्नी के खाते में डाल दी। इस मामले में कलेक्टर इलैया राजा टी ने क्लर्क को सस्पेंड कर जांच कमेटी गठित कर दी है। अपर कलेक्टर राजेश राठौर के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गई है। जांच के बाद मिलाप चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। वहीं, कलेक्टर बताया कि वर्ष 2020 से लेखा पाल की तरफ से यह गड़बड़ी की जा रही थी। इस दौरान किसी ने नहीं पकड़ी। औचक निरीक्षण में पूरे मामले का खुलासा हुआ। कलेक्टर ने यह भी बताया कि ऐसी गड़बड़ी किसी और विभाग में तो नहीं हो रही है, ये पता लगाने के सभी विभागों के अकाउंट की जांच की जाएगी।