Embezzlement in Collectorate : लेखा शाखा के क्लर्क ने एक करोड़ का गबन किया!
इंदौर से गोविंद राठौर की रिपोर्ट
Indore : कलेक्ट्रेट की लेखा शाखा के एक क्लर्क मिलाप चौहान पर एक करोड़ रूपए से ज्यादा के शासकीय धन के गबन का आरोप लगा है। लेखा शाखा के इस क्लर्क ने यह राशि अपनी पत्नी और एक प्राइवेट कंपनी एक्सट्रीम सोल्यूशन के खाते में ट्रांसफर कर दी। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने गबन के आरोपी क्लर्क को सस्पेंड कर महू पदस्थ कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस गबन का खुलासा तब हुआ जब कोष और लेखा विभाग के अधिकारियों ने 16 और 17 मार्च को लेखा शाखा का निरीक्षण किया था। इस पड़ताल में खुलासा हुआ कि जिला कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ अकाउंटेंट मिलाप चौहान के वेतन खाता नंबर 20318207305 पर मनीषा बाई और एक्सट्रीम सोल्यूशन वेंडर के रूप में दर्ज हैं।
कार्यालय से होने वाले भुगतान में जानबूझकर बैंक खाते के नंबर गलत डाले गए और चालान की राशि का भुगतान इन दोनों खातों में किया गया। प्रारंभिक तौर पर यह एक करोड़ के गबन का मामला माना जा रहा है, जबकि यह भी बताया गया कि राशि इससे ज्यादा भी हो सकती है। मिलाप चौहान सोमवार को भी दफ्तर नहीं आया। इस मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई है। खुलासा होने के बाद आरोपी अकाउंटेंट के दफ्तर की तलाशी ली जा रही है। मामले में अभी तक प्रशासन ने पुलिस को शिकायत कर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई। आरोपी बाबू को सस्पेंड कर दिया गया है।
कलेक्टर ने सस्पेंड करने का पत्र जारी किया
कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि जिला कोषालय अधिकारी के पत्र के अनुसार आयुक्त कोष एवं लेखा मप्र कार्यालय के निरीक्षण दल द्वारा 16 और 17 मार्च को जिला कोषालय कार्यालय का निरीक्षण और परीक्षण किया था। निरीक्षण में पाया गया कि जिला कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ मिलाप चौहान, सहायक ग्रेड-3 के वेतन खाता क्रमांक 20318207305 आईएफएससी कोड एसबीआई एन 0030418 पर मनीषा बाई एवं मैसर्स एक्सट्रीम सॉल्यूशन वेंडर बनाए गए हैं। जिला कार्यालय से भुगतान किए गए वास्तविक देयकों में बैंक विवरण जानबूझकर गलत अंकित करते हुए ई-पेमेंट फेल्ड हुए चालानों का भुगतान श्रीमती मनीषा बाई एवं एक्सट्रीम सॉल्यूशन में होना पाया गया।
प्रथम दृष्टया राशि 1,00,00,000/- (एक करोड़) से अधिक आहरण में अनियमितता एवं वित्तीय गबन प्रतीत होने से मिलाप चौहान, सहायक ग्रेड-3 को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1906 के नियम-9 अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। निलम्बन अवधि में उन्हें मूलभूत नियम 53 के अन्तर्गत निर्वाह भत्ता देय होगा। इनका मुख्यालय तहसील कार्यालय डॉ अम्बेडकर नगर महू जिला इन्दौर में नियत किया जाता है।