Encounter with Death: आरक्षक पंकज यादव की वह शाम, कैसे इंदौर में राक्षसी ट्रक को रोक अनगिनत लोगों की जान बचाई!

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Encounter with Death: आरक्षक पंकज यादव की वह शाम, कैसे इंदौर में राक्षसी ट्रक को रोक अनगिनत लोगों की जान बचाई!

मीडियावाला की विशेष प्रस्तुति

हमने पुलिस को कोस लिया पर अब उस दुर्घटना की परते खुल रही है। एक पुलिस कांस्टेबल ने ही उस ट्रक को काबू मे किया था जिसने कल रात इंदौर में एक ऐसी दर्दनाक घटना को अंजाम दिया था जो शायद प्रदेश में पहले कहीं भी नहीं घटी और नहीं ऐसी घटना कभी होने की उम्मीद की जा सकती है। इस भयानक हादसे में तीन लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए।

अब जानिए इंसानियत और बहादुरी की आंखों देखी

सूरज ढल रहा था। इंदौर की सड़कें रोज़ की तरह भागदौड़ में डूबी थीं। वायरलेस तिराहे पर यातायात आरक्षक पंकज यादव खड़े होकर ट्रैफिक नियंत्रित कर रहे थे। तभी अचानक दूर से आती कान-फाड़ देने वाली हॉर्न की आवाज़ ने उन्हें चौंकाया।
उन्होंने सिर उठाया—एक ट्रक, बेकाबू रफ्तार में, कालानी नगर की ओर से मौत की तरह दौड़ता हुआ। देखते ही देखते उसने दो वाहनों को टक्कर मार दी। अफरातफरी मच गई। लोग चिल्लाते हुए सड़कों से हटने लगे। लेकिन यादव की नज़रें ट्रक पर जमी रहीं।
“अगर यह बड़ा गणपति तक पहुँचा, तो अनगिनत लोग कुचल जाएँगे।”
यह विचार उनके मन में कौंधा और अगले ही पल उन्होंने उसका पीछा करने का निर्णय लिया।

पीछा और चेतावनी
पंकज यादव ने तुरंत सड़क पर जा रहे ऑटो रिक्शा को रोका और उस ऑटो रिक्शा में बैठकर ट्रक का पीछा किया। ऑटो रिक्शा चालक अनिल कोठारी ने भी और तेज गति से ऑटो चलाकर ट्रक का पीछा शुरू किया। हवा उनके चेहरे को चीर रही थी, लेकिन आँखों में केवल एक लक्ष्य था—उस राक्षसी ट्रक को रोकना।
ट्रक के बराबर पहुँचकर उन्होंने हाथ उठाकर चालक को धीमा करने का संकेत दिया। पर चालक ने मानो चुनौती दी हो—उसने रफ्तार और बढ़ा दी।
यादव ने पीछे मुड़कर अन्य बाइक सवारों को पुकारा—“आगे जाओ, बड़ा गणपति पर लोगों को हटाओ… चेतावनी दो!”
उनकी आवाज़ में आदेश नहीं, बल्कि लोगों की जान बचाने की पुकार थी।

मौत से जंग
अब खेल और खतरनाक हो गया था। ट्रक की गति कुछ कम हुई, तो यादव ने दिल थाम देने वाला कदम उठाया।
उन्होंने चलते ट्रक पर चढ़ने की कोशिश की। लोग हक्का-बक्का देख रहे थे। किसी ने कहा, “ये कैसे संभव है?”
पर यादव ने संभव कर दिखाया। राहगीरों की मदद से वे क्लीनर की ओर से ट्रक में पहुँचे, संतुलन संभाला और दूसरी तरफ का दरवाज़ा खोला।
एक झटके में चालक को पकड़कर नीचे खींच लिया। जैसे ही चालक बाहर आया, ट्रक थम गया।

बच गई सैकड़ों जानें
उस पल सड़क पर सन्नाटा छा गया। लोग दूर से दौड़ते आए। किसी ने राहत की साँस ली, किसी ने हाथ जोड़कर शुक्रिया कहा। प्रत्यक्षदर्शी कहते हैं, “अगर यादव साहब ने हिम्मत न दिखाई होती, तो बड़ा गणपति पर कत्लेआम हो जाता।”

इंसान से रक्षक तक
यह केवल एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं थी। यह कहानी है इंसानियत और बहादुरी की।
उस दिन पंकज यादव सिर्फ़ ट्रैफिक आरक्षक नहीं थे—वे सैकड़ों ज़िंदगियों के रक्षक, शहर के प्रहरी, और जनता के नायक बन गए।

मुख्यमंत्री ने की सराहना

मुख्यमंत्री ने आज इंदौर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांस्टेबल पंकज यादव की बहादुरी और इंसानियत की दिल खोलकर सराहना की। मुख्यमंत्री ने ऑटो रिक्शा चालक अनिल कोठारी की भी प्रशंसा की जो पंकज यादव को अपने ऑटो में लेकर इस मुहिम को सफल बनाने में जुट गया था। मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में इस बहादुरी के काम के लिए दोनों को पुरस्कृत करने की घोषणा की।

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