
RSS के शताब्दी वर्ष में उमड़ा उत्साह: विजयादशमी उत्सव पर निकाला भव्य पथ संचलन
ALIRAJPUR: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे संघ शताब्दी कार्य वर्ष के अंतर्गत रविवार को विजयादशमी उत्सव के अवसर पर नगर में भव्य पथ संचलन निकाला गया। इस अवसर पर स्वयंसेवक अनुशासन और देशभक्ति की भावना के साथ कदमताल करते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से गुज़रे। जगह-जगह नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।
पथ संचलन की शुरुआत आलीराजपुर के फतेह क्लब मैदान से हुई, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुनः उसी स्थान पर समाप्त हुआ। इससे पूर्व बौद्धिक सत्र का आयोजन किया गया जिसमें समाजसेवी जितेंद्र कोठारी, भगत चंदरसिंह चौहान, जिला संघचालक नानसिंह धाकड़, खंड संघचालक भुवन भंवर और प्रांत जनजाति कार्य प्रमुख कैलाश अमलियार मंचासीन रहे।
**स्वयंसेवक होना गर्व की बात- जितेंद्र कोठारी**
जितेंद्र कोठारी ने अपने संबोधन में कहा कि “हम भाग्यशाली हैं कि भारतभूमि में और हिंदू धर्म में जन्म लिया। इससे भी बड़ा सौभाग्य यह है कि हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं।” उन्होंने कहा कि संघ ने समाज में जाति-भेद और विभाजन के प्रयासों को समाप्त कर हिन्दू समाज को संगठित करने का कार्य किया है।
**शताब्दी यात्रा राष्ट्रनिर्माण की प्रेरणा- कैलाश अमलियार**
मुख्य वक्ता कैलाश अमलियार ने हल्दीघाटी के वीर योद्धा राणा पुंजा भील, संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और गुरुजी गोलवलकर को नमन करते हुए कहा कि “डॉ. हेडगेवार ने जो बीज 1925 में बोया था, वह आज विश्व के 53 देशों में वटवृक्ष के समान फैल चुका है।”
उन्होंने बताया कि 1925 से 1940 तक के कालखंड में संघ ने समाज को संगठित करने और स्वतंत्रता के स्थायित्व हेतु निरंतर कार्य किया। अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से लेकर 1947 के विभाजन, 1975 के आपातकाल, और 1990 के रामजन्मभूमि आंदोलन तक, संघ के स्वयंसेवक सदैव सेवा और राष्ट्रहित में अग्रणी रहे।
कैलाश अमलियार ने संघ की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि 1986 में रामजन्मभूमि न्यास की स्थापना से लेकर 2021 की कोरोना महामारी तक, संघ ने हर चुनौती में समाज सेवा को अपना धर्म माना। उन्होंने कहा कि आज संघ 50 हजार से अधिक सेवा प्रकल्पों के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण का कार्य कर रहा है।
**संघ की आगामी पंच परिवर्तन कार्ययोजना**
कैलाश अमलियार ने संघ की आगामी दिशा बताते हुए कहा कि राष्ट्र को समृद्ध बनाने के लिए पांच बिंदुओं पर विशेष कार्य होगा-
1. स्वभाव में स्व का जागरण
2. नागरिक शिष्टाचार का पालन
3. कुटुंब व्यवस्था का संरक्षण और मंगल सभा
4. सामाजिक समरसता का विस्तार
5. पर्यावरण संरक्षण
उन्होंने कहा कि यही पांच परिवर्तन भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएंगे।

**नगरवासियों ने किया पुष्पवर्षा से स्वागत**
बौद्धिक सत्र के बाद घोष की धुन पर स्वयंसेवक पथ संचलन के लिए निकले। नगर के प्रमुख मार्गों पर मातृशक्ति और नागरिकों ने पुष्पवर्षा व जयघोष के साथ उनका अभिनंदन किया। संचलन में योगासन प्रदर्शन, एकल गीत, अमृत वचन, प्रार्थना और आकर्षक रंगोली विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
कार्यक्रम का समापन फतेह क्लब मैदान पर हुआ, जहां नगर कार्यवाह श्रवण गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।
यह उत्सव केवल संघ का नहीं, राष्ट्र की एकता और आत्मगौरव का प्रतीक बना।





