Ernakulam Loksabha Constituency: कभी कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट, अब BJP दे रही है चुनौती

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Ernakulam Loksabha Constituency: कभी कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट, अब BJP दे रही है चुनौती

 

कोच्चि से सुदेश गौड़ की ग्राउंड रिपोर्ट 

 

पिछले दो लोकसभा चुनाव में एर्णाकुलम लोकसभा क्षेत्र में भाजपा ने लगभग 15 फ़ीसदी वोट के साथ तीसरा स्थान प्राप्त करके कांग्रेस के गढ़ में अपनी उपस्थिति का एहसास तो कर ही दिया है। पहले के चुनावों में प्रचार के लिए यदा-कदा दिखने वाले भाजपा के होर्डिंग और वॉल पेंटिंग अब पूरे केरल की दीवारों व सड़कों पर देखी जा सकती है। अब केरल की सड़कों पर ऑटो व टैक्सियों के शीशों पर भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के राम मंदिर वाले स्टीकर भी दिखने लगे हैं। चुनावी रणक्षेत्र में भाजपा की जमीनी उपस्थिति से कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं।

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं से नमो एप के माध्यम से जो संवाद किया उससे भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह भर गया है। प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि 26 अप्रैल को मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए ताकत झोंक दीजिए, हमारी जीत सुनिश्चित है। एर्णाकुलम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र दक्षिणी भारत में केरल राज्य के 20 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र राजनीतिक और सांस्कृतिक नजरिए से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता के.वी. थाॅमस भी कर चुके हैं। कांग्रेस के हिबी जॉर्ज ईडन 2019 के लोकसभा चुनाव में विजयी रहे थे।19 अप्रैल 1983 को जन्में 41 वर्षीय हिबी एर्णाकुलम निर्वाचन क्षेत्र से लंबे समय तक संसद सदस्य रहे दिवंगत जॉर्ज ईडन के बेटे हैं। 17वीं लोकसभा के दौरान हिबी ईडन की उपस्थिति 89% रही। हिबी ने इस कार्यकाल में कुल 318 प्रश्न पूछे, 61 बहसों में भाग लिया और 9 निजी सदस्य विधेयक पेश किये थे। इस बार के चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के हिबी ईडन, माकपा के केजे शाइन और भाजपा के डॉ. के एस राधाकृष्णनन के बीच संभावित है। भाजपा के प्रत्याशी डॉ राधाकृष्णन केरल लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और स्थानीय विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं।

 

कोच्चि 14वीं शताब्दी से ही भारत की पश्चिमी तटरेखा का मसालों का व्यापार केन्द्र रहा है और इसे अरब सागर की रानी के नाम से जाना जाता था। 1503 में यहाँ पुर्तगालियों का आधिपत्य हुआ और यह उपनिवेशीय भारत की प्रथम यूरोपीय कालोनी बना। 1530 में गोवा के चुने जाने तक यह पुर्तगालियों का यहां का प्रधान शक्ति केन्द्र रहा।

एर्णाकुलम जिला मध्य केरल के तहत आता है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे जिले की जनसंख्या 32,82,388 थी, जिनमें से 16,19,557 पुरुष और 16,62,831 महिलाएं हैं। जिले का लिंगानुपात प्रति हजार पुरुषों के मुकाबले 1027 महिलाओं का है। जिले की आबादी में 45.99 फीसदी हिंदू और 38.03 फीसदी ईसाई हैं। जिले की साक्षरता दर 95.89 फीसदी है। जिले के लोगों की आय का मुख्य स्रोत खेती ही है। चुनाव आयोग द्वारा 25 मार्च 2024 तक संशोधित मतदाता सूची में 27 हजार नए नाम जोड़े गए हैं, जिनमें अधिकांश पहली बार के मतदाता हैं।

 

*कांग्रेस का गढ़ रहा है एर्णाकुलम*

 

यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। आजादी के बाद सबसे पहले 1951 में हुए चुनाव में यह क्षेत्र त्रावणकोर-कोचीन सीट के तहत आता था और तब यहां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सी.पी. मैथ्यू विजयी हुए थे। साल 2019 तक यहां हुए चुनावों में सिर्फ चार बार माकपा या अन्य कोई प्रत्याशी जीते हैं, बाकी सभी 13 चुनावों में कांग्रेस को ही विजयश्री मिली थी।एर्णाकुलम लोकसभा सीट में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं- परावुर, वाइपिन, एर्णाकुलम, कोच्चि, त्रिपुनिथुरा, त्रिक्काकारा, कलामसेरी। कोच्चि से बाहर बसे आधुनिक शहर को एर्णाकुलम कहा जाता है। यह एक ऐसा आधुनिक शहर है, जहां शॉपिंग मार्केट, सिनेमा परिसर, औद्योगिक भवन, मनोरंजन पार्क, समुद्री ड्राइव इत्यादि स्थित हैं। यह केरल का वाणिज्यिक और आईटी हब भी है। साल 2009 में भी कांग्रेस के टिकट पर केवी थाॅमस यहां से जीते थे। उन्हें 3,42,845 वोट मिले थे।

 

*भाजपा के मत निरंतर बढ़े*

 

2019 लोकसभा चुनाव में एर्णाकुलम सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हिबी इडन ने जीत हासिल की, उन्हें 4,91,263 वोट मिले। तो वहीं माकपा के उम्मीदवार पी राजीव को 3,22,110 वोट मिले और भाजपा के प्रत्याशी कन्ननथाना को 1,37,749 वोट मिले थे। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 77.63% था।साल 2014 के चुनाव की बात करें तो कांग्रेस नेता के.वी. थाॅमस 3,53,841 वोट पाकर विजयी हुए थे। दूसरे स्थान पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार क्रिस्टी फर्नांडीज को 2,66,794 वोट हासिल हुए, जबकि तीसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी एएन राधाकृष्णन को 99,003 वोट मिले थे। आम आदमी पार्टी की अनीता प्रताप को 51,517 वोट मिले, जबकि नोटा को 9,735 वोट मिले थे। अनीता प्रताप एक जानी-मानी टीवी पत्रकार और लेखिका हैं। बहुजन समाज पार्टी के केसी कार्तिकेयन को महज 2,685 वोट मिले थे। इस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में लैटिन कैथोलिकों का वर्चस्व है, जो आबादी का एक तिहाई हिस्सा हैं, जिससे यह सीट कांग्रेस का गढ़ बन जाती है।

 

*होने लगा भाजपा की उपस्थिति का एहसास*

 

भाजपा ने अभी तक इस क्षेत्र में अपना प्रभाव नहीं बनाया है, हालांकि उनकी सक्रियता बढ़ रही है और पार्टी अपनी उपस्थिति का एहसास करा रही है। इस चुनाव के परिणाम ने दिखाया कि एर्णाकुलम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, जो इसे राजनीतिक मंच के रूप में भी महत्वपूर्ण बनाता है।एर्णाकुलम अपनी प्रसिद्ध कलाओं और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। एर्णाकुलम के केरल के सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक स्थलों में से एक कोच्चि-मुजिरिस बाइनियल है जो हर 2 साल में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय समकालीन कला प्रदर्शनी है। इस प्रदर्शनी में दुनियाभर की अत्याधुनिक कलाकृतियां प्रदर्शित की जाती हैं।ये कला प्रेमियों, संग्रहकर्ताओं और पर्यटकों को शहर की ओर आकर्षित करता है।इसके अलावा एर्णाकुलम अपने प्रदर्शन कला के लिए भी जाना जाता है। केरल कलामंडलम, एक प्रमुख संस्थान है जो कथकली, मोहिनीअट्टम और कूडियाट्टम सहित शास्त्रीय भारतीय कलाओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए काम करता है। इस क्षेत्र से कई प्रसिद्ध कलाकार और कलाकार उभरे हैं, जिन्होंने केरल और उससे आगे के सांस्कृतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

मोदी से संवाद करके केरल के भाजपा बूथ कार्यकर्ता उत्साहित

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार 30 मार्च को केरल में भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं से नमो एप के माध्यम से 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए उत्साह से भरने के लिए संवाद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बूथ अध्यक्षों से फीडबैक लिया और मतदाताओं का दिल जीतने के लिए प्रभावी मार्गदर्शन भी दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से मतदाताओं को यह बताने के लिए कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ गठबंधन दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों गठबंधन जो इंडी गठबंधन का हिस्सा हैं, केरल में विरोधी होने का नाटक कर रहे हैं। वहीं, केरल के बाहर दोनों भाजपा के विरोध में मिलकर काम कर रहे हैं। वे एक-दूसरे के गलत कामों को छिपाने के लिए काम कर रहे हैं। यही खेल वे केरल में खेल रहे हैं। केरल के लोग शिक्षित हैं, उन्हें इस बारे में बताया जाना चाहिए। कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि कि कई कांग्रेस कार्यकर्ता इस बात से नाखुश है कि वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से एलडीएफ उम्मीदवार – एनी राजा – राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पार्टी राहुल का समर्थन कर रही है। इस असंतोष से भाजपा को लाभ होगा।

पीएम ने करुवन्नूर सहकारी बैंक धोखाधड़ी मामले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि इसमें बड़े कम्युनिस्ट नेता शामिल थे। उन्होंने कहा, मैं केरल के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसे घोटालों में शामिल लोग जो जनता को लूट रहे हैं, बच नहीं पाएंगे। उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ‘मेरा बूथ मजबूत’ कार्यक्रम के तहत पीएम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे राजग के सभी कार्यकर्ताओं के बीच बूथ स्तर पर समन्वय सुनिश्चित करें।प्रधानमंत्री मोदी ने बूथ कार्यकर्ताओं को लेकर कहा, “बूथ स्तर पर ”टिफिन बैठकें” करें। इसके तहत दो या तीन बूथों के कार्यकर्ता एक साथ आकर साथ भोजन कर सकते हैं। इस दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं।