

35 साल की सेवा के बाद भी विधानसभा के तृतीय श्रेणी कर्मियों को 4th समयमान वेतनमान नहीं!
भोपाल. मध्यप्रदेश शासन के वित्त विभाग द्वारा राज्य के सभी विभागों के समान संवर्गो के लिए सुनिश्चित केरियर प्रोन्नयन योजना लागू करने के लिए चतुर्थ समयमान वेतनमान संबंधी आदेश एक जुलाई 2023 अथवा इसके बाद की तिथि से 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है। मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के प्रथम श्रेणी कर्मचारियो को तो इसका लाभ मिल रहा है किन्तु तृतीय श्रेणी लिपिकीय वर्ग के कर्मचारी इससे वंचित है।
मध्यप्रदेश गठन के समय से मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय , मंत्रालय वल्लभ भवन एवं राजभवन सचिवालय को शीर्ष संवैधानिक संस्था मानकर प्रारंभ से उच्च स्तर के वेतनमान निर्धारित किये गए थे। उसी समय से अधिकारियों-कर्मचारियों को वेतनमान प्रदान किया जा रहा है किन्तु वित्त विभाग द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा के तृतीय श्रेणी लिपिकीय कर्मचारियों को 35 वर्ष की सेवा पूण करने के उपरांत भी इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है।
मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय कर्मचारी संघ के संरक्षक रामनारायण आचार्य का कहना है कि इस तरह की रोक लगाई जाना न्याय संगत नहीं है ।इस संबंध में मुख्यमंत्री , वित्त मंत्री , संसदीय मंत्री ,विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौप कर इस विसंगति को दूर करने का निवेदन किया गया है। सभी ने आश्वासन के साथ निराकरण करने की बात कही है किन्तु अभी तक इसका लाभ नहीं मिला है। राज्यपाल को भी चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने के संबंध में पत्र दिया है। राज्यपाल ने अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए है। एक जुलाई 2023 के बाद 35 वर्षों की सेवा पूर्ण करने वाले विधानसभा के कर्मचारी काफी कम है।
यही स्थिति मंत्रालय वल्लभ भवन तथा राज्यभवन कर्मचारियों की रहेगी। इसके बाबजूद वित्त विभाग द्वारा इस प्रकरण को मंत्री परिषद की बैठक में नहीं रखा है। इस वेतनमान का लाभ देने पर राज्य सरकार पर बहुत अधिक भार नहीं आने वाला है किन्तु वित्त विभाग द्वारा आज दिनांक तक लाभ न देने से विधानसभा सचिवालय के कर्मचारी वर्तमान में एक पद ऊपर प्रभार का कार्य कर रहे हैं। भविष्य में पदोन्नति बंद है। अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे है।