आम चुनाव के प्रचार से सब मुक्त हो जाएंगे आज शाम …

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आम चुनाव के प्रचार से सब मुक्त हो जाएंगे आज शाम …

भारत में आम चुनाव के लिए 30 मई का दिन खास है। अंतिम चरण का चुनाव प्रचार आज शाम थम जाएगा। इसके साथ ही आम चुनाव 2024 के अंतिम चरण के मतदान दिवस 1 जून का इंतजार बढ़ जाएगा। जब मोदी और देश की किस्मत अंतत: पूरी तरह से ईवीएम में कैद हो जाएगी। और तब निगाहें 4 जून पर जाकर टिक जाएंगी। जब मोदी की तीसरी पारी पर फैसला हो जाएगा। अंतिम चरण में केवल उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर मतदान होना है। इनमें से देश की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी पर रहेंगीं। चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है।  और चुनाव प्रचार का भाषण खत्म करने के बाद पीएम मोदी मेडिटेशन ब्रेक लेंगे। तो स्थानीय नेता जीत-हार के समीकरणों में उलझते नजर आएंगे। 1 जून को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होना है। सातवें चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार 30 मई की शाम 5 बजे थम जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के मतदान से पहले कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान कर सकते है। वह 31 मई को विवेदानंद रॉक मेमोरियल जा सकते हैं। वहीं वह पूरा दिन ध्यान कर सकते हैं। गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अंतिम चरण के मतदान के वक्त पीएम मोदी केदारनाथ गए थे और वहीं उन्होंने रुद्र गुफा में ध्यान किया था।
तो देश में छह चरणों का मतदान हो चुका है।सातवें चरण का मतदान 1 जून को होना है। इस बार बीजेपी 400 पार के नारे के साथ चुनावी मैदान में है। पीएम मोदी ने भी चुनावों के मद्देनजर धुआंधार प्रचार किया है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक सभी राज्यों में पीएम मोदी ने अपनी पहुंच इन चुनावों के दौरान रखी। इसके साथ ही आम जनता के मन में उठने वालों सवालों का जवाब भी वह चैनलों पर बेबाकी से देते दिखे हैं। पीएम का कहना है कि एक बार फिर बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। विपक्ष को इस बार भी मुंह की खानी पड़ेगी। 4 जून की तारीख इसकी गवाह बनेगी।
तो देखने वाली बात यही है कि इस बार चार सौ पार या फिर जनता के मन में कुछ और है। पर यह बात सौ फीसदी सही है कि लोकतंत्र के महायज्ञ में प्रचार नामक आहुति देने वाले नेताओं को आज शाम इससे मुक्ति मिलने वाली है। और चुनावी राज्यों में प्रचार के लिए प्रवास पर जमे नेताओं की अपने राज्यों में वापसी हो जाएगी। फिलहाल विश्लेषकों की सुई इस बात पर टिकी है कि अबकी बार भाजपा 303 का पुराना ओहदा बरकरार रख पाती है या इससे थोड़ी बहुत कम या थोड़ी बहुत ज्यादा पर पहुंच पाती है। चार सौ तक फिलहाल किसी की नजर नहीं पहुंच पा रही है। 1 जून को मतदान के बाद शाम तक एग्जिट पोल्स का भौंपू दो दिन तक जन-जन के मन को बेचैन रखेगा और फिर 4 जून की दोपहर तक स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी। तब लोकतंत्र का महापर्व अगले प्रधानमंत्री के चेहरे पर अपनी नजर डाल रहा होगा…।